गढ़शंकर: लव कुमार गोल्डी ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
विधानसभा सीट गढ़शंकर में टिकट की घोषणा होने के साथ ही विद्रोह छिड़ गया है। नए चेहरे अमरप्रीत लाली मोंटू को उम्मीदवार बनाते ही टिकट को लेकर बगावत का सुर तेज हो गया। टिकट न मिलने से नाराज होकर पहले कांग्रेस नेत्री निमिषा मेहता ने भाजपा का कमल पकड़ा तो दूसरे दिन हाईकमान के फैसले से नाराज पूर्व विधायक लव कुमार गोल्डी ने हाथ छोड़ कर हाकी और बाल को पकड़ लिया। यह कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है।
हजारी लाल, होशियारपुर : विधानसभा सीट गढ़शंकर में टिकट की घोषणा होने के साथ ही विद्रोह छिड़ गया है। नए चेहरे अमरप्रीत लाली मोंटू को उम्मीदवार बनाते ही टिकट को लेकर बगावत का सुर तेज हो गया। टिकट न मिलने से नाराज होकर पहले कांग्रेस नेत्री निमिषा मेहता ने भाजपा का कमल पकड़ा तो दूसरे दिन हाईकमान के फैसले से नाराज पूर्व विधायक लव कुमार गोल्डी ने हाथ छोड़ कर हाकी और बाल को पकड़ लिया। यह कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है।
दरअसल, इस सीट से लव कुमार गोल्डी ही दावेदार थे, लेकिन सन 2012 के विधानसभा चुनाव में गोल्डी की हार ने यहां पर एक और दावेदार को जन्म दे दिया था। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेत्री निमिषा मेहता ने इस सीट पर अपनी सियासी जमीन तैयार करनी शुरू कर दी थी। हाईकमान से टिकट की जमकर दावेदारी की थी। लेकिन उस समय कैप्टन अमरिदर सिंह के आशीर्वाद से लव कुमार गोल्डी ने टिकट की बाजी मार ली थी। गोल्डी को टिकट मिलते ही निमिषा मेहता ने बगावत का मोर्चा खोल दिया था। उसका खामियाजा गोल्डी को इस तरह से भुगतना पड़ा कि वह चुनाव में तीसरे नंबर पर पहुंच गए।
गढ़शंकर में गोल्डी और मेहता में गुटबाजी से कांग्रेस दो गुटों में बंटी रही। इसी वजह से इस बार गुटबाजी खत्म करने के लिए हाईकमान ने इसका विकल्प निकालते हुए युवा नेता अमरप्रीत सिंह मोंटू लाली को टिकट दे दी। इससे हताश होकर निमिषा ने भाजपा तो गोल्डी ने पंजाब लोक कांग्रेस का दामन थाम लिया। सूत्रों की मानें तो लव कुमार गोल्डी और निमिषा मेहता के कांग्रेस छोड़ने से हाथ को करारा झटका लगा है। क्योंकि अभी तक गोल्डी और मेहता ही अपने इलाके में ज्यादा सक्रिय थे। दोनों ही नेताओं को खुद टिकट मिलने की उम्मीद थी, मगर मोर्चा मोंटू लाली मार गए।
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एक बार फिर निमिषा और गोल्डी में होगी टिकट की जंग
पुराने सियासी दुश्मनों ने भले ही अलग-अलग पार्टी ज्वाइन किए हैं, मगर एक बार फिर से इनमें टिकट की जंग होगी। चूंकि भाजपा और पंजाब लोक कांग्रेस में गठबंधन है। दोनों ने ही टिकट पाने की लालसा में पाला बदला है। इस सीट को लेकर निमिषा चाहेंगी कि भाजपा के खाते में जाए और गोल्डी चाहेंगी कि यह सीट पंजाब लोक कांग्रेस अपने पाले में रखें। सूत्रों की मानें तो हाईकमान ने दोनों ही नेताओं को टिकट का भरोसा देकर ही अपनी-अपनी पार्टी में ज्वाइन करवाया है। अब देखना है कि टिकट की बाजी में निमिषा मेहता का कमल खिलता है या फिर लव कुमार गोल्डी हाकी बाल से अपना मनोरथ गोल कर पाते हैं। इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
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सीट का इतिहास
इस सीट पर सन 2002 में भाजपा-अकाली गठबंधन की टिकट पर अविनाश राय खन्ना ने जीत दर्ज की थी। सन 2004 के लोकसभा चुनाव में खन्ना ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। उप चुनाव में कांग्रेस ने लव कुमार गोल्डी को उम्मीदवार बनाया था, जबकि अकाली-भाजपा की तरफ से महिदर पाल मान उम्मीदवार थे। मान को हार का सामना करना पड़ा। सन 2007 के विधानसभा चुनाव में फिर से दोनों का आमना-सामना हुआ। मान फिर से हार गए। इसके बाद भाजपा ने यह सीट अकाली दल बादल को दे दी। सन 2012 के चुनाव में अकाली दल बादल की तरफ से सुरिदर सिंह भुलेवालराठां चुनाव मैदान में कूदे। लव कुमार गोल्डी कांग्रेस के उम्मीदवार थे। रांठा ने चुनावी बाजी मार ली। सन 2017 के विधानसभा चुनाव में इसपर आप उम्मीदवार जय किशन रौड़ी ने कड़े मुकाबले में राठां को हरा दिया जबकि कांग्रेस के लव कुमार गोल्डी को तीसरे नंबर से संतोष करना पड़ा था। यहीं से गोल्डी का राजनीतिक करियर धूमिल होने लगा।