गणपति विसर्जन का है विशेष महत्व : ¨जदा बाबा
गणेशोत्सव के बाद गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित क्योंकि करते हैं। इस विषय में आध्यात्मिक विभूति राजिन्द्र ¨सह ¨•ादा बाबा ने बताया कि पुरानों के अनुसार कहा जाता है। कि जब कवि व्यास ने गणपति को महाभारत की कहानी सुनानी शुरु की तो बिना रुके वो दस दिनों तक कहानी सुनाते रहे और भगवान गणेश लगातार बिना रुके हुए उसको लिखते रहे थे।
संवाद सहयोगी, दातारपुर
गणेशोत्सव के बाद गणेश की मूर्ति को विसर्जित क्यों करते हैं, इस विषय के बारे में में आध्यात्मिक विभूति राजिन्द्र ¨सह ¨जदा बाबा ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुराणों के अनुसार जब महर्षि ब्यास ने गणपति को महाभारत की कहानी सुनानी शुरू की, तो बिना रुके वो दस दिन तक कहानी सुनाते रहे और भगवान गणेश लगातार बिना रुके इसे लिखते रहे थे।
उन्होंने बताया कि कथा पूरी होने के बाद लगातार दस दिन तक बिना रुके महाभारत लिखने के कारण गणेश जी का शरीर पूरी तरह से गर्म होकर जलने लगा था। महर्षि ब्यास ने जब आंखें खोलीं, तो गणेश जी के शरीर का तापमान कम करने के लिए पास के कुंड में ले गए और स्नान करवाया। यही कारण है कि अब गणेशोत्सव के 10 दिन के बाद गणेश विसर्जन किया जाता है।
जिंदा बाबा ने बताया कि यदि आप गणेश विसर्जन घर में ही करना चाहते हैं, तो आप गणपति को एक गमले में पानी डालकर विसर्जित कर सकते हैं। उसके बाद उस गमले में पौधा लगा दें। मगर, ध्यान रहे इस गमले में तुलसी नहीं लगानी है, क्योंकि गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है।
उन्होंने कहा कि गणेश जी को विसर्जित करने से पहले उनकी पूजा करें और विधिवत आरती करें। अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करें। उसके बाद आप उनको किसी नदी या तालाब में विसर्जित करें।