श्रद्धा से जलाभिषेक करने से प्रसन्न होते हैं शिव
शिव पुराण सहित किसी भी ग्रंथ में ऐसा नहीं लिखा है कि भगवान शिव या शंकर भांग गांजा आदि का सेवन करते थे।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : शिव पुराण सहित किसी भी ग्रंथ में ऐसा नहीं लिखा है कि भगवान शिव या शंकर भांग, गांजा आदि का सेवन करते थे। गजानन चौक दातारपुर में गणेश उत्सव समारोह का आयोजन किया गया। रात्रि की सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर महंत रमेश दास जी ने कहा यह मात्र दुष्प्रचार है। उन्होंने कहा बहुत से लोगों ने भगवान शिव के ऐसे भी चित्र बना लिए हैं, जिसमें वे चिलम पीते हुए नजर आते हैं। यह दोनों की कृत्य भगवान शंकर का अपमान करने जैसा है। यह भगवान शंकर की छवि खराब किए जाने की साजिश है। यदि आपके घर, मंदिर या अन्य किसी भी स्थान पर भगवान शंकर का ऐसा चित्र या मूर्ति लगा है, जिसमें वे चिलम पीते या भांग का सेवन करते हुए नजर आ रहे हैं, तो उसे आप तुरंत ही हटा दें तो अच्छा है। यह भगवान शंकर का घोर अपमान है।
यह भी कितना दुखभरा है कि कई लोगों ने भगवान शंकर पर ऐसे गीत और गाने बनाएं हैं। जिसमें उन्हें भांग का सेवन करने का उल्लेख किया गया है। कोई गीतकार या गायक यह जानने का प्रयास नहीं करता है कि इस बारे में सच क्या है। महंत जी ने कहा यह तो छोड़िए बड़े बड़े पंडित भी शिव के मंदिरों में जब भांग का अभिषेक करते हैं तो फिर अन्य किसी पर दोष देने का कोई मतलब नहीं। यह तो अब आम हो चला है कि शिवरात्रि या महाशिवरात्रि के दिन लोग भांग घोटकर पीते हैं। किसी को भांग पीने की मनाही नहीं हैं, लेकिन शिव के नाम पर पीना उनका अपमान ही है। शिव केवल भाव और श्रद्धा से जलाभिषेक करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। हमें उनके लिए सच्ची श्रद्धा ही मन में रखनी चाहिए। इस अवसर पर आध्यात्मिक विभूति राजिदर सिंह जिदा बाबा, बौबी कौशल, ललित शिगरु, बृजमोहन, पप्पू, विजय कुमार, डाक्टर सुरिदर कुमार, प्रकाश डडवाल, कपिल डोगरा आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।