पुलिस से बेखौफ नशा तस्कर: ग्रामी, कैपरी से ज्यादा बिट की डिमांड
पहले कांग्रेस ने सरकार बनने पर चार सप्ताह में नशे का नाश करने का दावा किया था। सरकार बनी सत्ता की चाभी भी हाथ में आई मगर नशा तस्करी के मगरमच्छ हाथ के हत्थे नहीं चढ़े।
हजारी लाल, होशियारपुर : पहले कांग्रेस ने सरकार बनने पर चार सप्ताह में नशे का नाश करने का दावा किया था। सरकार बनी, सत्ता की चाभी भी हाथ में आई, मगर नशा तस्करी के मगरमच्छ हाथ के हत्थे नहीं चढ़े। इस विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भी नशे को मुद्दा बनाया। लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ हाथ से सत्ता की चाभी छीनकर आप को सौंप दी। परंतु अफसोस, आप की सरकार में नशे की बिक्री न केवल बरकरार है बल्कि और बढ़ी है। नशा तस्करों को पुलिस का बिल्कुल भी खौफ नहीं है।
हालांकि पुलिस छोटे मोटे सप्लायरों को दबोच कर अपनी पीठ तो थपथपाती है, लेकिन सरकार बनने के सवा दो माह बाद भी बड़ा मगरमच्छ पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। यूं कहें कि पुलिस छोटी मोटी मछलियां पकड़ कर उन्हें फ्राई करके जिम्मेदारियों की इतिश्री कर लेती है। यही कारण है कि नशा और नशे के सौदागरों की चेन नहीं टूट रही है।
सरकारी अस्पताल में नशा छोड़ने की दवाई लेने आने वाले कुछ नशेड़ियों ने बताया कि जिले में तकरीबन एक हजार से ज्यादा युवक नशे के चक्रव्यूह में फंसे हैं। कुछ लड़कियां भी नशा कर रही हैं। ऐसे युवाओं की आयु 17 से लेकर 30 साल के बीच ज्यादा है। नशे में फंसे कुछ युवक बताते हैं कि सप्लायरों ने नशीले पदार्थों की सप्लाई करने के लिए कोड वर्ड रखा है। एक ग्राम चिट्टा तीन हजार में उपलब्ध हो जाता है। इसका कोड वर्ड ग्रामी है। आधा ग्राम का कोड वर्ड कैपरी है। कैपरी 1500 रुपये में मिल जाती है। सबसे ज्यादा डिमांड बिट यानी कि एक खुराक की है। बिट एक हजार रुपये तक में उपलब्ध हो जाती है। नशेड़ी चिट्टा का सेवन ज्यादा करते हैं। दूसरे नंबर पर मेडिकल नशा है। स्वयं पुलिस रिकार्ड ही खंगाले तो दो माह में 40 से ज्यादा पर्चे दर्ज हुए हैं मगर अभी तक बड़ा मगरमच्छ हत्थे नहीं चढ़ा है। चिट्टा सप्लाई का सारा खेल मोबाइल पर चलता है। पुलिस से बचने के लिए कालिग व्हाट्सअप पर की जाती है। शहर में चिट्टा सप्लाई में कमालपुर बना नंबर वन
युवकों ने बताया कि शहर में कमालपुर इलाका चिट्टा बेचने के मामले में नंबर वन बन चुका है। कई घरों के युवाओं ने चिट्टा बेचने का गंदा धंधा बना लिया है। खुद भी चिट्टा पीते हैं और युवाओं को भी सप्लाई करते हैं। आसपास के लोग भी सप्लायरों की गतिविधियों से तंग हैं, लेकिन वह डर के मारे मुंह खोलने का साहस नहीं जुटा पाते हैं। इसके अलावा भगत नगर, बलवीर कालोनी, प्रेमगढ़, बहादुरपुर, कीर्ति नगर, रविदास नगर के कुछ इलाकों में चिट्टे की बिक्री जोरों पर है। यह इलाके पुलिस की राडार पर भी हैं। बख्शे नहीं जाएंगे नशे के सौदागर: एसएसपी
एसएसपी सरताज सिंह चाहल ने कहा कि नशे के तस्कर बख्शे नहीं जाएंगे। सभी थानों को हिदायत दी गई है कि नशा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाएं। नशीले पदार्थ का सेवन करने वाले केस ज्यादा : डा. राज
सरकारी अस्पताल होशियारपुर के मनोचिकित्सक डा. राज कुमार कहते हैं कि अस्पताल में आने वाले केसों में नशीला पदार्थ का सेवन करने वाले युवक ज्यादा आते हैं। ज्यादातर युवा नशीले पाउडर का सेवन कर रहे हैं। मेडिकल नशा दूसरे नंबर पर है।