पशु कैटल पौंड छोड़ने के लिए पर्ची काट मांगते थे पैसे, किसानों ने फगवाड़ा चौक में पशु बांध दिया धरना
बेसहारा पशुओं की समस्या के निदान के लिए किए जा रहे दावों पर कोई कार्रवाई न होने से तंग आकर किसानों ने शनिवार को होशियारपुर-फगवाड़ा रोड में फगवाड़ा चौक पर धरना लगा दिया।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : बेसहारा पशुओं की समस्या के निदान के लिए किए जा रहे दावों पर कोई कार्रवाई न होने से तंग आकर किसानों ने शनिवार को होशियारपुर-फगवाड़ा रोड में फगवाड़ा चौक पर धरना लगा दिया। भारतीय किसान यूनियन के अगुआई में लगाए गए इस धरने में भारी संख्या में किसान शामिल हुए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरने की खास बात यह रही कि धरने में शामिल होने के लिए पहुंचे समूह किसान अपने अपने इलाके से बेसहारा पशु बांधकर साथ ले आए और सारे पशु लाकर फगवाड़ा चौक में उतार दिए। किसानों का इस तरह का प्रदर्शन देखकर तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। अधिकारी किसानों को समझाने के लिए मौके पर पहुंच गए। काफी देर तक किसानों को आश्वासन देते रहे और इस समस्या का हल निकालने के लिए एक फिर दावा करने लगे लेकिन किसान उनकी बात मानने को तैयार तक नहीं थे। आखिरकार किसानों की पशुओं के गौशाला में रखने की मांग मानने के बाद किसानों ने धरना उठाया।
प्रबंधकों ने पशु गोशाला लाने से किया मना
बेसहारा पशुओं की समस्या के हल के लिए प्रशासन की ओर से फलाही में कैटल पौंड का निर्माण कराया गया था, जिसके बाद किसानों को यह कहा गया था कि यदि कोई बेसहारा पशु है तो किसान उसे यहां पर छोड़ सकता है ताकि उनकी फसल बर्बाद न हो पाए। कुछ समय तो सबकुछ ठीक चलता रहा परंतु समय के साथ-साथ गोशाला के प्रबंधकों ने पशुओं को पौंड में लेने के लिए मना कर दिया। जिसके किसानों में काफी रोष था। किसानों को समस्या थी कि आखिर अब लावारिस पशु कहां भेजे जाएं। किसानों से पशु कैटल पौंड में रखने के लिए पर्ची काटने से किसान भड़क गए और शनिवार शाम को किसान पशु लेकर फगवाड़ा चौक में पहुंच गए और पशु चौक में उतार कर वहां पर धरना लगा दिया। किसानों दो घंटे रोड किया जाम
किसानों ने लगभग दो घंटे धरना लगाया और रोड जाम कर दिया। जिसके बाद प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और आखिरकार किसानों कैटल पौंड में रखने की मांग को माना। किसानों ने अपनी मांग को लिखित रुप में मौके पर पहुंचे तहसीलदार हरविदर सिंह को दी और हरविदर सिंह ने आश्वासन दिया कि पर्ची तो कटेगी जिसके पशु छोड़ने वाले किसान का पता चल सके परंतु पैसे नहीं लिए जाएंगे। तब जाकर किसान शांत हुए और धरना उठा लिया। किसानों की मांग को माना गया है : तहसीलदार
तहसीलदार हरविदर सिंह ने बताया कि किसानों की मांग को मान लिया गया है। किसान कैटल पौंड में बेसहारा पशु छोड़ सकते हैं और उनसे केवल पर्ची नाम व पता लेने के लिए दी जाएगी। बाकी लावारिस पशु छोड़ने के पैसे नहीं लिए जाएंगे।