भगत सिंह को श्रद्धांजलि देने में आप में दिखी गुटबाजी
भगत सिंह चौक पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह को मंगलवार को श्रद्धांजलि देने के मौके पर आम आदमी पार्टी में गुटबाजी झलक गई। नेताओं का एक्शन से साफ हो गया कि आप में गुटबाजी का रिएक्शन शुरू हो चुका है।
जासं, होशियारपुर : भगत सिंह चौक पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह को मंगलवार को श्रद्धांजलि देने के मौके पर आम आदमी पार्टी में गुटबाजी झलक गई। नेताओं का एक्शन से साफ हो गया कि आप में गुटबाजी का रिएक्शन शुरू हो चुका है। आप के जिला प्रधान संदीप सैनी और पिछले दिनों झाड़ू पकड़ने वाले ब्रह्मशंकर जिपा ने अपने-अपने साथियों के साथ अलग समय में पहुंचकर शहीद को नमन किया। हालांकि इन दोनों नेताओं ने भगत सिंह के बारे में ही बोला, लेकिन समझने वालों के लिए इशारा काफी था कि आप में धड़ेबाजी की चिगारी उठी है। अभी तो शोला बनना बाकी है। दरअसल, जिला प्रधान संदीप सैनी काफी समय से यहां पर आप की राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे हैं। परमजीत सचदेवा के राजनीतिक संन्यास के बाद एक किस्म से जिले की सारी जिम्मेदारी संदीप सैनी के कंधों पर है। सैनी अपने पसीने से सियासी जमीन इसलिए सींच रहे हैं कि वह होशियारपुर विधानसभा क्षेत्र से आप की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। मगर, एन वक्त पर पार्षद ब्रह्म शंकर जिपा की आप में इंट्री ने संदीप सैनी को हिलाकर रख दिया है। उन्हें यह डर सताने लगा है कि कहीं ऐसा तो नहीं, अभी तक तो वह आप की झाड़ू कसने में जुटे रहे और मैदान में उतरने का मौका आने पर नई मुसीबत के रूप में जिपा आ गए। हाईकमान कहीं उन्हें मैदान में न उतार दे।
सियासीअखाड़ा नवीन ने किया तैयार, सचदेवा ने चढ़ा ली थी लंगोटी
संदीप सैनी का यह सोचना जायज भी है, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में आप का राजनीतिक अखाड़ा एडवोकेट नवीन जैरथ तैयार करने में जुटे थे और हाईकमान ने चुनावी लंगोटी परमजीत सचदेवा को पहना दी था। इसी बात को लेकर अब संदीप सैनी भी डरने लगे हैं। कड़वी सच्चाई यही है कि नगर निगम चुनाव होशियारपुर के वार्ड छह से टिकट न मिलने से ब्रह्मशंकर जिपा ने कांग्रेस छोड़ दी थी। आजाद लड़कर पार्षद बनें और एक माह मे ही आप का दामन थाम लेने से साफ संकेत मिल रहा है कि जिपा ने टिकट का ही निशाना साधा है। उधर, संदीप सैनी यहां से टिकट के दावेदार हैं। जिपा की इंट्री से आप में गुटबाजी की नींव पड़ चुकी है। आने वाले दिन में यह दीवार बनेगी। एक तरफ, संदीप सैनी की सेना और दूसरी तरफ, ब्रह्म शंकर जिपा की। अब देखना यह होगा कि टिकट की बाजी कौन मारता है। हालांकि बात करने पर अभी दोनों नेता राजनीतिक पत्ते नहीं खोल रहे हैं।
बाहर था, इसलिए ऐसा हो गया: जिपा
ब्रह्मशंकर जिपा ने कहा कि वह बाहर थे। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि वह जिला प्रधान से अलग हैं। शहर में आने के बाद वह साथियों के साथ श्रद्धांजलि देने चले गए। हालांकि जिपा ने यह माना कि जिला प्रधान का उन्हें कोई फोन नहीं आया था।
वाट्सएप ग्रुप में कार्यक्रम की जानकारी दे दी थी: संदीप
संदीप ने कहा कि आप का एक वाट्सएप ग्रुप बना है। कार्यक्रम के बारे में ग्रुप में सभी साथियों को जानकारी दे दी गई थी। उन्हें नहीं पता है कि जिपा ने अलग से कोई कार्यक्रम किया था। हालांकि जिपा के साथ उनका किसी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है।