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त्योहारों का जोर, अतिक्रमण से तंग हुए रोड

त्योहारों का सीजन जोरों पर हैं बाजारों में चहल-पहल शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 12:01 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 12:01 AM (IST)
त्योहारों का जोर, अतिक्रमण से तंग हुए रोड
त्योहारों का जोर, अतिक्रमण से तंग हुए रोड

जागरण संवाददाता, होशियारपुर: त्योहारों का सीजन जोरों पर हैं, बाजारों में चहल-पहल शुरू हो गई है। बाजार में ग्राहकों का रश देखकर दुकानदारों को चेहरे खिले हुए हैं परंतु अपनी दुकानदारी चमकाने के चक्कर में दुकानदार अधिक से अधिक डिस्पले लगा रहे हैं। हद तो तब हो जाती है जब डिस्पले के चक्कर में दुकान से बाहर सड़क तक निकाल कर सामान लगा देते हैं और इसी से खुले बाजार तंग हो चुके हैं। अतिक्रमण से ट्रैफिक जाम लगना स्वभाविक है।

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तहबाजारी की टीमें इलाके में घूमती तो हैं लेकिन उनकी कार्रवाई मात्र आटे में नमक के बराबर है। टीम आती है कुछ दुकानों के आगे से सामान कब्जे में लेते ही चेतावनी देकर निकल जाती है। कार्रवाई के बाद फिर से हालात वैसे ही बन जाते हैं। मामला तब गंभीर हो जाता है जब जगह-जगह दुकानों के आगे अतिक्रमण होने के कारण वाहन चालक सड़कों में वाहन पार्क करते देते हैं। जो ट्रैफिक जाम का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। इन दिनों ज्यादा दुकानदारी चमकाने के चक्कर में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ सी लगी हुई है। अतिक्रमण के जाल से सड़कें सिकुड़ सी गई हैं। दुकान का सारा सामान बाहर निकलने के कारण सड़कों से चलना दुश्वार हो गया है। नगर निगम दावा करता फिरता है कि अतिक्रमण का सफाया कर दिया जाएगा, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। शहर का कोई भी बाजार ऐसे नहीं है जहां पर अतिक्रमण नहीं देखा जा सकता। और सबसे भंयकर हालात तो शहर के तंग बाजारों में देखने को मिलते हैं जहां दुकानदारों के अतिक्रमण के कारण पैदल चलना तक मुश्किल हो चुका है। इन इलाकों में हालात और भी खराब

यदि बात बस्सी ख्वाजू बाजार, कश्मीरी बाजार, शीश महल बाजार, छत्ता बाजार, गौरां गेट, कमेटी बाजार आदि इलाकों में दोनों तरफ से किए गए अंधाधुंध अतिक्रमण से गलियों का अस्तित्व खत्म हो गया है। सवाल यह है कि यदि कहीं इन बाजारों में आगजनी की घटना घट जाए तो दमकल का गाड़ी वहां तक पहुंच ही नहीं पाएगी और ऐसे हालात घातक साबित हो सकते हैं। गौरतलब है कि कुछ माह पहले घंटाघर मार्केट में एक कपड़े की दुकान में आगजनी की घटना हुई थी और महज एक किलोमीटर से भी कम की दूरी को तय करने में फायरब्रिगेड की टीम को खासी मुश्कत करनी पड़ी थी और जब तक फायर ब्रिगेड की टीम घटनास्थल पर पहुंच पाती तब तक दुकान की ऊपरी मंजिल पूरी तरह से जलकर राख हो चुकी थी। दुकानदार तो दुकानदार, रेहड़ी वाले पीछे नहीं

होशियारपुर-जालंधर रोड तो रेहड़ी मार्केट जैसा नजारा प्रस्तुत करता हैं। क्योंकि कुछ दुकानदार तो अलग इस रोड पर रेहड़ी मार्केट का भी लंबा चौड़ा अतिक्रमण है। घंटाघर से लेकर फगवाड़ा चौक तक सड़क के दोनों तरफ रेहड़ी मार्केट पक्के तौर पर जम चुकी है। जिनका केवल उतनी देर तक ही अतिक्रमण हटता है जब तक तहबाजारी की टीम मार्केट में घूमती है। तहबाजारी की टीम के जाते ही हालात पहले जैसे बन जाते हैं। दुकानदारों की इन रेहड़ी मालिकों से सांठगांठ है। अपनी दुकानों के आगे रेहड़ियां लगवाने की एवज में मोटा पैसे लेते हैं। इसी शर्त पर अपनी दुकानों के आगे रेहड़ियां लगवाते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा की कि दुकानदारों के स्वार्थ में ट्रैफिक व्यवस्था तहस-नहस हो रही है। ऐसा नहीं है कि नगर निगम को पैसे लेकर रेहड़ियां लगवाने वाले दुकानदारों के बारे में पता नहीं है, लेकिन अधिकारी राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से कुछ बोल नहीं पाते हैं। अतिक्रमणकारियों पर होगी कार्रवाई : इंस्पेक्टर

अतिक्रमण हटाओ दस्ता के इंचार्ज इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने कहा कि अतिक्रमण हटाया जा रहा है। दुकानदारों को भी सहयोग से अपील की जाती है। अगर, फिर भी दुकानदार नहीं माने तो उन पर सख्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि भंगी पुल पर रेहड़ी लगाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और बनती कार्रवाई की जाएगी।


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