सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शहर में चारों तरफ लगे गंदगी के ढेर
पक्का करने के लिए हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मचारियों की मांगों का न तो सरकार कोई हल निकाल पाई है और न ही सफाई कर्मचारी अपनी हठ छोड़ने को तैयार हैं।
सतीश कुमार, होशियारपुर
पक्का करने के लिए हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मचारियों की मांगों का न तो सरकार कोई हल निकाल पाई है और न ही सफाई कर्मचारी अपनी हठ छोड़ने को तैयार हैं। इस कशमकश में शहर के चारों तरफ गंदगी के ढेर लग गए हैं। दैनिक जागरण की तरफ से रविवार सुबह शहर के बाहरी और अंदुरुनी इलाको का मौका मुआयना किया तो चारों तरफ फैले कचरे को देख ऐसा लग रहा था जैसे यहां पर डंप बनाए गए हों। शहर में गंदगी के ढेर तो परेशानी का कारण हैं वहीं बेसहारा पशु और भी मुसीबत बने हुए हैं। रेलवे फाटक, सरकारी कालेज के मुख्य गेट के बाहर गंदगी से उठ रही बदबू ने लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। जो लोग सरकारी कालेज में नौकरी करते हैं या गेट पर ड्यूटी दे रहे हैं उनका तो वहां खड़े होना ही भारी हो रहा है। इसी प्रकार टीबी अस्पताल के मुख्य गेट के सामने ही गंदगी फैली है। हालांकि पास ही कैबिनेट मंत्री के रिश्तेदार की मैकेनिक की दुकान है मगर वहां से भी गुजरना मुश्किल है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि इतनी ज्यादा गंदगी के कारण व्यापार कैसे चलता होगा। इसके अतिरिक्त जिला कचहरी के गेट के बिल्कुल पास सड़क किनारे ही कूड़ा कर्कट फैला हुआ है। यह वही मार्ग है जहां से न्यायाधीश, वकील और पुलिस अधिकारी कार्यालय जाने के लिए निकलते हैं।
बरसात में बीमारियों के फैलने की आशंका
कुछ ही दिन में बरसात का मौसम शुरू हो रहा है ऐसे में अगर शहर की सफाई नहीं की तो गंदगी के ढेर शहर वासियों को किसी भयानक बीमारी की चपेट में ले सकते हैं। कुछ वर्ष पहले भी मोहल्ला कमालपुर में ऐसा ही हुआ था जब बरसात के चलते लोग डायरिया की गिरफ्त में आ गए थे। बीमारी का प्रकोप इतना ज्यादा बढ़ गया था कि कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ गया।
अगला चुनाव नजदीक पर वादा अभी भी दूर : आदिया
सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान करनजोत आदिया ने बताया, कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि सफाई सेवक जो कच्चे वर्करों के रूप में काम कर रहे है उन्हें तुरंत पक्का किया जाएगा। अब विधानसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं मगर सरकार ने अभी तक वादा पूरा नहीं किया। न तो कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया है न डीए की किस्त जारी की है। कोरोना काल के दौरान डाक्टर व पुलिस कर्मचारियों को तरक्की के साथ पे स्केल में भी बढ़ोतरी की है, लेकिन सफाई कर्माचरियों को सरकार धक्केशाही कर रही है।
कर्मियों के पक्ष में हूं : मेयर
इस संबंधी मेयर सुरिदर कुमार शिदा ने कहा कि सुबह यूनियन कर्मचारियों को बुला कर शहर की हालत के बारे बताया गया था। मेयर ने कहा कि वह तो खुद सफाई कर्मचारियों के पक्ष में खड़े हैं। मंगलवार को यूनियन प्रधान को चंडीगढ़ बुलाया है। हालात सारे पंजाब के खराब हो रहे हैं। सफाई कर्मचारी यूनियन और सरकार को कोई न कोई हल जल्द निकालना चाहिए।