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भक्ति के मार्ग पर चलकर ही इंसान व्यतीत कर सकता है अनुशासित जीवन

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के आश्रम गौतम नगर में धार्मिक समागम करवाया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 02:33 AM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 06:10 AM (IST)
भक्ति के मार्ग पर चलकर ही इंसान व्यतीत कर सकता है अनुशासित जीवन
भक्ति के मार्ग पर चलकर ही इंसान व्यतीत कर सकता है अनुशासित जीवन

जेएनएन, होशियारपुर : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के आश्रम गौतम नगर में धार्मिक समागम करवाया गया। समागम के दौरान सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री कृष्ण प्रीता भारती ने आध्यात्मिक विचारों से संगत को निहाल किया।

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उन्होंने कहा कि आधुनिक युग, यंत्र उपकरणों से युक्त एक मशीनी युग है। आज यह मशीनीकरण व्यक्ति के जीवन में तनाव, नकारात्मकता जैसी कई अन्य समस्याओं का मूल आधार है। आज यदि जीव इन समस्याओं से निजात पाना चाहता है तो उसे आध्यात्मिकता का चयन करना होगा। भक्ति का मार्ग ही ऐसा मार्ग है, जिस पर चल कर व्यक्ति विवेक पूर्ण अनुशासित जीवन यापन कर सकता है। उन्होंने अनुशासन एवं समर्पण के विषय को समझाते हुए बताया कि जब एक शिष्य अपने भीतर ईश्वर का साक्षात्कार करता है और फिर सतगुरु पर पूर्ण विश्वास रखते हुए उनकी प्रत्येक आज्ञा एवं निर्देशों का पालन करते हुए भक्ति मार्ग पर चलता है, तो वह कभी मार्ग से विचलित नहीं होता।

जिस प्रकार खोखला बांस ही बांसुरी का निर्माण करता है, ठीक उसी प्रकार एक शिष्य को भी स्वयं को अहंकार एवं अन्य सांसारिक दोष रहित कर स्वयं को गुरु चरणों में समर्पित कर देना चाहिए। उन्होंने बताया कि गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी एक ऐसे ही तत्ववेता गुरु हैं, जो ब्रह्मज्ञान प्रदान कर अपने प्रत्येक शिष्य के घट में उस परमात्मा का साक्षात्कार करा उन्हें भक्ति मार्ग पर अग्रसर कर रहे हैं।


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