संवाद सहयोगी, दातारपुर : राष्ट्र के विकास में युवा वर्ग का सबसे बड़ा योगदान होता है। स्वस्थ और तंदुरुस्त युवा देश के विकास को रफ्तार दे सकते हैं, लेकिन दुख की बात है कि आज भारत के कुछ युवा नशे के आदी होकर जिदगी को नरक बना रहे हैं। सर्वहितकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल हाजीपुर में समारोह में प्रिसिपल विवेक कुमार ने कहा कि नशा, नाश का दूसरा नाम है। जिसने भी नशे का दामन एक बार पकड़ लिया। उसे नशा मौत के मुंह तक ले जाता है, साथ ही उसके घर-परिवार का भी कई बार नाश कर देता है। मां-बाप अपने बच्चों के भविष्य के लिए सुनहरी सपने संजोते हैं, लेकिन जब कोई बच्चा बचपन या जवानी की दहलीज पर पांव रखते ही नशे के दलदल में धंसना शुरू होकर जिदगी बर्बाद करने लगता है तो मां-बाप के सपने उसी समय चकनाचूर हो जाते हैं। प्रिसिपल विवेक ने कहा बच्चों को संस्कारप्रद शिक्षा देना समय की जरूरत है। ऐसे बच्चे ही बड़े होकर सुयोग्य नागरिक बन सकेंगे। इस अवसर पर नीलम कौल, साहिब सिंह, नीलम, कल्पना, हरप्रीत कौर, मोनिका, आंचल, अमन, सुरिद्र, कल्पना, सरबजीत, अनु, ब्रिज बाला, नवीन उपस्थित थे।
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