हार से परेशान दगाबाज नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी में काग्रेस
लोकसभा सीट होशियारपुर से हार से परेशान दगाबाज काग्रेस नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए काग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है।
हजारी लाल, होशियारपुर
लोकसभा सीट होशियारपुर से हार से परेशान दगाबाज काग्रेस नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए काग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे लोगों की कुंडली तैयार की जा रही है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी में रहते हुए दूसरी पार्टियों का अंदरखाते साथ दिया है। आधा दर्जन नेताओं पर जल्द ही हाईकमान की गाज गिर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक विधानसभा होशियारपुर सीट से काग्रेस के पिछड़ने को लेकर ज्यादा चिंतनीय माना जा रहा है। क्योंकि इस सीट से सुंदर शाम अरोड़ा कैबिनेट मंत्री हैं। इस सीट से काग्रेस पिछले दस साल से कभी भी पीछे नहीं गई। यहा तक कि पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद इस सीट से काग्रेस ने करीबन 1900 वोट से बढ़त बनाई थी। ढाई साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी काग्रेस के सुंदर शाम अरोड़ा ने भाजपा के तीक्ष्ण सूद को 11 हजार से ज्यादा मत के अंतर से हराया था। विधायक बनने के बाद अरोड़ा मंत्री बनें। यानी कि वह राजनीतिक तौर पर और ज्यादा पावरफुल होकर उभरे थे। काग्रेस को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव में यहा से पार्टी उम्दा प्रदर्शन करते हुए कम से कम आठ से दस हजार वोट से लीड लेगी। मगर, काग्रेस ने विधानसभा चुनावों की 11 हजार से ज्यादा की लीड भी खोई और तकरीबन नौ हजार वोटों से पिछड़ भी गई। होशियारपुर विधानसभा सीट से काग्रेस के बुरी तरह से पिछड़ने की वजह से कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा बहुत आहत हैं। क्योंकि उन्हें इतने बुरे नतीजे की उम्मीद नहीं थी। पर्दे के पीछे की भाजपा और बसपा की मदद
सूत्रों के मुताबिक यह पता लगाया जा रहा है कि किन-किन नेताओं ने पार्टी में रहते हुए भी गद्दारी करके भाजपा और बसपा का साथ दिया है। कुछ काग्रेसियों ने पर्दे के पीछे झाड़ू की मदद भी की है। ऐसे नेताओं की लिस्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही सारी रिपोर्ट आला नेताओं के पास पहुंच जाएगी। पर्दे के पीछे काग्रेस का खेल बिगाड़ने में कुछ पार्षद, कुछ पूर्व पार्षद, कुछ यूथ के पदाधिकारी और कुछ छुटभैय्या नेता शामिल हैं। इन लोगों ने अपने स्वार्थ के चक्कर में विरोधियों से हाथ मिलाकर हाथ को कमजोर करने के लिए काम करते रहे। कुछ ही माह में होने हैं निगम चुनाव
सूत्रों की मानें तो ऐसे दगाबाज नेताओं को जल्द ही बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। क्योंकि लोकसभा चुनाव में ऐसे नेताओं ने क्षति पहुंचाई है। ऐसे नेताओं को आला कमान पार्टी में नहीं रखना चाह रही। कुछ ही माह में नगर निगम होशियारपुर के चुनाव होने वाले हैं। इसलिए काग्रेस निगम चुनाव में भीतरघात से बचने के लिए पार्टी के अंदर सर्जिकल करके खुद को मजबूत करने की कोशिश करेगी। दगाबाजी करने वाले पार्षदों, पूर्व पार्षदों की नगर निगम चुनाव में टिकट कटनी भी तय है।