सिविल सर्जन कार्यालय में सड़ रहे लाखों रुपये के कंडम वाहन, नीलामी प्रक्रिया पर नहीं जा रहा अधिकारियों का ध्यान
सिविल सर्जन दफ्तर के आसपास खड़े किए गए कंडम वाहनों को देखकर ऐसा लगता है जैसे यह स्वास्थ्य विभाग का परिसर कम और कबाड़खाना ज्यादा हो। तीन जगहों पर कंडम वाहनों को खड़ा किया गया है। इसमें एंबुलेंस और अन्य वाहन शामिल हैं।
हजारी लाल, होशियारपुर : स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था स्वयं ही बीमार है। सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में कंडम वाहन सड़ रहे हैं। बगल में ही सिविल सर्जन दफ्तर है। यहां पर सिविल सर्जन से लेकर सहायक सिविल सर्जन व अन्य अधिकारी बैठते हैं, मगर किसी भी अधिकारी का ध्यान इन कंडम वाहनों की नीलामी की तरफ नहीं जा रहा है। काफी लंबे समय से वाहन वहीं पर पड़े-पड़े सड़ रहे हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है।
सिविल सर्जन दफ्तर के आसपास खड़े किए गए कंडम वाहनों को देखकर ऐसा लगता है जैसे यह स्वास्थ्य विभाग का परिसर कम और कबाड़खाना ज्यादा हो। तीन जगहों पर कंडम वाहनों को खड़ा किया गया है। इसमें एंबुलेंस और अन्य वाहन शामिल हैं।
नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि लंबे समय से यह वाहन परिसर में खड़े-खड़े सड़ रहे हैं। कुछ वाहनों के तो पुर्जे भी गायब हो रहे हैं। क्योंकि कुछ लोग जरुरी पुर्जे निकालकर उससे अपना काम निकाल लेते हैं। सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि कुछ वाहन तो सिविल सर्जन आवास के सामने भी खड़े हैं, जहां पर निकलते समय हर रोज सिविल सर्जन को इन कंडम वाहन के दर्शन होते हैं। बावजूद इसके इनकी नीलामी प्रक्रिया के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
यह सच्चाई है कि अगर इन वाहनों की नीलामी करा दी जाए तो स्वास्थ्य विभाग को लाखों रुपये की आमदनी हो सकती है। साथ ही होने वाली आमदन से स्वास्थ्य विभाग के किसी अच्छे काम में प्रयोग किया जा सकता है, मगर सच तो यह है कि सरकारी प्रापर्टी होने की वजह से इन्हें लावारिस सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। इन्हें देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि लाखों रुपये प्रतिमाह तनख्वाह लेने वाले स्वास्थ्य अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों के प्रति कितने गंभीर और संजीदा हैं। परिसर में कुल नौ कंडम वाहनों को सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। इसमें दो मिनी बसें, चार एंबुलेंस, एक सूमो, दो मिनी ट्रक शामिल है। इस बारे में सिविल सर्जन डा. परमिदर कौर ने कहा कि वह इन वाहनों के नीलामी प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश देंगी।