सरकार के पास सात कॉलेजों के फंसे 38 करोड़, छात्रों से फीस मांगने लगे प्रबंधक
नवांशहर जिले के एससी विद्यार्थियों की बीते तीन साल से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की राशि सरकार ने अब तक जारी नहीं की है।
सुशील पांडे, नवांशहर: जिले के एससी विद्यार्थियों की बीते तीन साल से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की राशि सरकार ने अब तक जारी नहीं की है। तीन साल की 38 करोड़ रुपये की राशि न मिलने के कारण जहां विद्यार्थी सड़कों पर उतर गए हैं , वहीं कॉलेज प्रबंधक भी सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनको जल्द से जल्द यह राशि जारी की जाए। हालात यह हो चुके हैं कि कई कॉलेज बंद होने की कगार पर आ गए गए हैं , तो कई कॉलेजों ने कई माह से अपने स्टाफ को वेतन तक नहीं दिया है। सात कॉलेज प्रबंधकों ने हारकर एससी छात्रों ने फीस मांगना शुरू कर दिया है। कॉलेजों में काम कर रहे लोग बेरोजगार हो रहे हैं, पर सरकार इस बारे में अब तक कोई फैसला नहीं ले पाई है। अध्यापक से लेकर विद्यार्थी तक सब प्रदेश सरकार की ओर से पैसा जारी न करने से परेशान हैं। सरकार की तरफ से नई गाइडलाइंस के मुताबिक स्कॉलरशिप की राशि विद्यार्थियों के बैंक खातों में जमा होनी थी, जो की पिछले तीन सालों से नहीं आई हैं। करीब 38 करोड़ की राशि जिले के कॉलेजों की प्रदेश सरकार के पास फंसी हुई है।
2016-17 की भी 10 फीसद राशि पेंडिंग जिले के कॉलेजों की बात करें, तो इनकी करोड़ों में राशि रुकी पड़ी है। राज्य सरकार ने 2016-17 की स्कॉलरशिप की 90 प्रतिशत राशि रिलीज कर दी थी, वह भी अभी दस प्रतिशत पेंडिग है। 2017-18, 2018-19, 2019-20 की राशि प्राइवेट एडिड कॉलेजों को नहीं मिली है। केंद्र सरकार की यह स्कीम 2019-20 तक की थी। 2020-21 में स्कीम का क्या स्टेटस है, से कॉलेज प्रबंधक अनभिज्ञ हैं। कई राज्यों ने कॉलेजों को 50 से 100 प्रतिशत तक स्कॉलरशिप की राशि का भुगतान कर दिया है। पंजाब ही एक ऐसा राज्य है, जिसने अभी तक तीन वर्ष की राशि का भुगतान नहीं किया। इसके कारण जिला नवांशहर के प्राइवेट एडिड कॉलेजों की 38 करोड़ की राशि रुकी पड़ी है। स्टाफ को वेतन देने के लिए पैसे नहीं सरकार की ओर से पैसा जारी न होने का प्रभाव कॉलेज व विद्यार्थी दोनों पर पड़ रहा है। पैसा न आने के कारण और पैसे प्राप्त करने के लिए कुछ कॉलेज भी अब एससी विद्यार्थियों से फीस मांगने लगे हैं। कॉलेज प्रबंधकों का कहना है कि उनके तो पास स्टाफ को वेतन देने तक के पैसे नही है। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप सरकार की एससी विद्यार्थियों के लिए योजना है। अगर सरकार ही इन विद्यार्थियों के भविष्य के बारे में नहीं सोच रही है, तो वो एक निजी संस्थान होकर किस तरह मदद कर सकते हैं। इन कॉलेजों के इतने पैसे अटके आरके आर्य कालेज-1.86 करोड़।
बीएलएम गर्ल्स कॉलेज-1.36 करोड़।
डीएएन कालेज ऑफ एजुकेशन-66 लाख।
जीएन कालेज बंगा-67 लाख 50 हजार
एएसएसएम कालेज-5.34 करोड़।
दोआबा कॉलेज-09 करोड़।
केसी कॉलेज-17 करोड़ ।