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गर्भ में मृत बच्चे को लिए चार दिन से भटक रही महिला, हंगामा करने पर किया दाखिल

सिविल अस्पताल में शनिवार को गायनी वार्ड में गर्भवती का इलाज करवाने के लिए पहुंचे परिवार ने हंगामा कर दिया। देखते ही देखते सारा अमला एकत्रित हो गया और नारेबाजी कर रहे परिवार को शांत करने में जुट गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2021 06:32 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 06:59 AM (IST)
गर्भ में मृत बच्चे को लिए चार दिन से भटक रही महिला, हंगामा करने पर किया दाखिल
गर्भ में मृत बच्चे को लिए चार दिन से भटक रही महिला, हंगामा करने पर किया दाखिल

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : सिविल अस्पताल में शनिवार को गायनी वार्ड में गर्भवती का इलाज करवाने के लिए पहुंचे परिवार ने हंगामा कर दिया। देखते ही देखते सारा अमला एकत्रित हो गया और नारेबाजी कर रहे परिवार को शांत करने में जुट गया। लेकिन वह चिकित्सकों की बात मानने को तैयार नहीं थे। परिवार का आरोप था कि चार दिन पहले गर्भ में बच्चे की मूवमेंट बंद होने पर जब बहू की जांच करवाई, तो पता चला कि गर्भ में ही बच्चा मर चुका था। उपचार के लिए अस्पताल पहुंचने पर किसी ने एक नहीं सुनी। चार दिन से बहू के इलाज के लिए भटक रहे हैं। परिवार का तर्क था कि यदि बहू को कुछ हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। दूसरी ओर, मामला बिगड़ता देखकर डाक्टरों ने परिवार को शांत किया और आनन फानन में महिला को दाखिल कर उपचार शुरू किया।

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मातम में छाई खुशी

हुसैनपुर गुरु की रेखा के ससुर राजा राम ने बताया कि बेटे मनदीप की शादी सात साल पहले हुई थी। बहू कुछ दिन पहले गर्भवती हुई। परिवार में खुशी का माहौल था। डिलीवरी का समय पास था। इस बीच, बहू रेखा ने मनदीप को बताया कि दो तीन दिन से गर्भ में बच्चे की मूवमेंट नहीं हो रही। इसके चलते उन्होंने स्कैन करवाई व अन्य जांच करवाई। इसके बाद पता चला कि गर्भ में बच्चा मर गया है। सारा परिवार दुखी था और जैसे तैसे बहू को उपचार के लिए सिविल अस्पताल लेकर आ गए। डर था कि गर्भ में बच्चे की मौत के बाद कहीं रेखा इंफेक्शन का शिकार न हो जाए। लेकिन पिछले चार दिन से अस्पताल में घूम रहे हैं और कोई सुनवाई नहीं हो रही।

कोई न कोई बहाना बनाकर टाल रहे हैं डाक्टर

पीड़ित रेखा ने बताया कि पेट में बच्चे की मौत का पता चलने के बाद लगातार डाक्टरों को यही बोल रही है कि इलाज किया जाए, पर हर रोज डाक्टर कोई न कोई बहाना बनाकर टाल रहे हैं। अब तो कुछ दिन से घबराहट हो रही है। ससुर ने कहा कि समय पर इलाज म मिलने के कारण बहू के पेट में कोई इन्फेक्शन हो सकता है। इससे उसकी जान को भी खतरा है। वह एक गरीब परिवार से हैं, निजी अस्पताल में इलाज नहीं करवा सकते। मगर, सरकारी अस्पताल के लोग उनके जख्मों को लापरवाही से हरा कर रहे हैं।

मरीज को कर लिया है एडमिट

इस बारे में बात करने पर सिविल अस्पताल की डा. मंजरी ने कहा कि मरीज को अस्पताल में दाखिल कर लिया है और उसका इलाज भी शुरू हो गया है। अब जैसे ही दर्द शुरू होगा तो उसी हिसाब से दूसरा इलाज भी दिया जाएगा।


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