ब्लाइंड मर्डर : कातिलों को बेनकाब करने में पुलिसिया तंत्र फेल
हत्या की पुरानी वारदातों की गुत्थियां सुलझी नहीं थी कि सोमवार को गढ़शंकर में साइकिल मैकेनिक निर्मल सिंह निम्मा की निर्मम हत्या ने पुलिस की एक ओर मुश्किल बढ़ा दी है।
हजारी लाल, होशियारपुर : हत्या की पुरानी वारदातों की गुत्थियां सुलझी नहीं थी कि सोमवार को गढ़शंकर में साइकिल मैकेनिक निर्मल सिंह निम्मा की निर्मम हत्या ने पुलिस की एक ओर मुश्किल बढ़ा दी है। 24 घंटे बीत जाने के बावजूद पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है कि आखिरकार निम्मा के कातिल कौन थे और हत्या करने के पीछे उनका मकसद क्या था? फिलहाल, यह सवाल अभी पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है और जनता कातिलों के बारे में जानने के लिए बेताब है। पुराने ब्लाइंड मर्डर की वारदातों पर नजर दौड़ाने पर आभास होता है कि पुलिस की तफ्तीश काफी कमजोर साबित हुई है। शायद यही कारण है कि कातिलों की गर्दन तक पहुंचने के लिए कानून के हाथ छोटे पड़ जाते हैं। करीबन एक साल पहले दसूहा के गांव बेरछा से बोतल दुकान पर काम करने गई हरजिदर कौर की हत्या कर दी गई थी। अभी तक पुलिस उसके हत्याकांड पर्दा नहीं उठा पाई है। पिछले साल सितंबर में मुकेरियां के गांव खिच्चियां में लूट की नीयत से लुटेरों ने बुर्जुग बचित्तर सिंह की हत्या कर दी थी। यह हत्याकांड भी अभी तक पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है।
आलम यह है कि पुराने हत्या की गुत्थियां सुलझती नहीं है और नई वारदातें पुलिस की परेशानी बढ़ाने का काम कर देती हैं। कई वर्षो से कुछ चर्चित वारदातें फाइलों की धूल फांक रही हैं। हत्या होने के बाद कुछ दिन तक खाकी तफ्तीश के नाम पर पूछताछ के नाम पर हवा में तीर चलाती है, मगर बात में रात गई बात गई वाली हालत हो जाती है। पुलिस के उदासीन रवैये से जिले में एक दर्जन से ज्यादा हत्या की वारदातें सुलझी नहीं है। इससे पुलिस की साख पर बट्टा भी लग रहा है। पुलिस का रटारटाया जवाब होता है कि मामले की जांच चल रही है। एसएसपी गौरव गर्ग का कहना है कि हत्या की वारदातें सुलझाने के लिए तफ्तीश की जाती है। कुछ मामले पेचीदा होने की वजह से वक्त लगता है। जिले में हुई ये वारदातें भी अनसुलझी
-गांव सैंचा में 22 अगस्त 07 को डांसरों की केयर टेकर बलविदर कौर निवासी जालंधर की हत्या कर दी गई थी। आज तक उसके कातिलों का पता नहीं चल सका।
-गांव मंडियाला में 19 जून 08 को घर के बाहर सोए युवक मनोहर सिंह की बेरहमी से की गई हत्या पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है।
-30 अक्टूबर 09 को जहानखेलां के पास से एक अज्ञात युवती का शव बरामद हुआ था। हत्यारों के सुराग की तो बात दूर अभी तक उसकी शिनाख्त ही नहीं हो पाई है।
-गांव चक्क साधु के पास 30 दिसंबर 09 को एक युवक का शव बरामद होने से सनसनी फैल गई थी। हत्यारों से गला रेत कर उसे मौत के घाट उतारा था। युवक की पहचान नहीं हो पाई है। यह भी ब्लाइंड मर्डर पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है।
-02 दिसंबर 09 को कस्बा नसराला के समीप झाड़ियों से जली हुई लाश मिली थी। बाद में शव की शिनाख्त रमनदीप कौर निवासी जालंधर के रूप में हुई थी। इस मामले में भी कोई सुराग नहीं मिला।
-27 दिसंबर 09 दीप नगर में कबाड़ी वीरेन्द्र प्रसाद को दौड़ा-दौड़ाकर काट डाला। उसकी दुकान से नकदी लूट कर लुटेरे सरेआम फरार हो गए। यह मामला भी पुलिस की फाइलों में दबकर रह गया।
-नौ सितंबर 10 को अनमोल नगर में आशा राणा नामक महिला की घर में घुसकर निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी गई है। लाख दावों के बावजूद कोई सुराग नहीं मिल पाया कि आशा राणा के हत्यारे कौन थे।
-सात अप्रैल 11 को दलजीत कौर निवासी हरियाना की घर में दिनदहाड़े निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गई थी। हत्यारों का सुराग नहीं लगा।
24 सितंबर 2016 को भगत नगर निवासी बलविदर पप्पी की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की भी पुलिस गुत्थी सुलझाने में फेल साबित हुई।
-जुलाई 2017 गोविद नगर में मासूम बच्चे दीपक कुमार उर्फ दीपू की हत्या कर दी गई। इसके बाद तो पुलिस तो दोहरी मुसीबत पड़ गई। क्योंकि दोनों ही हत्याकांड में पुलिस के हाथ कुछ नहीं लग रहा है। यूं कहें कि चौबीस घंटे बीत जाने के बाद भी मदन लाल और दीपक कुमार दीपू हत्याकांड में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिल पाई है।