आग लगने पर सरकार को कुआं खोदने की आई याद : तीक्ष्ण सूद
आग लगने पर राज्य सरकार को कुआं खोदने की याद आई है। एक साल पहले कोरोना वायरस का संकट गहराने पर ही स्वास्थ्य सुविधाएं चाक चौबंद कर लेनी चाहिए थी। जागरण संवाददाता होशियारपुर आग लगने पर राज्य सरकार को कुआं खोदने की याद आई ह
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : आग लगने पर राज्य सरकार को कुआं खोदने की याद आई है। एक साल पहले कोरोना वायरस का संकट गहराने पर ही स्वास्थ्य सुविधाएं चाक चौबंद कर लेनी चाहिए थी। लेकिन दुखद पहलू है कि सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी रही। अब कोरोना बेकाबू हो गया है तो उसकी हालत हाथ मलने वाली हो गई है। यह बात मंगलवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद ने कही।
सूद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पिछले एक साल से अपने बलबूते पर हजारों लोगों को माक्स, सैनिटाइजर, राशन आदि बांटकर महामारी से बचाव के लिए योगदान डाला था। दूसरी लहर शुरू होने के बाद पार्टी के दिशा निर्देशों अनुसार लोगों को मास्क, आक्सीजन, दवाई व राशन देकर इस सहयोग को जारी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जा रही है।
राज्य सरकार के दूसरी लहर के दौरान कोरोना पर काबू पाने के दावे खोखले सिद्ध हो रहे हैं। अस्पतालों में बिस्तरों की बहुत कमी है, वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं हैं। सरकारी अस्पताल के वेंटिलेटर इसलिए प्राइवेट अस्पतालों को दे दिए गए हैं क्योंकि वहां उन्हें चलाने के लिए डाक्टर व आपरेटर नहीं है। केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए 1732.5 करोड़ सिरम इंस्टीट्यूट इंडिया को भेजे हैं, परंतु राज्य सरकार उसका प्रयोग नहीं कर रही। केंद्र सरकार की ओर से समय रहते ही राज्यों को आक्सीजन प्लांट लगाने की मंजूरी देने के बावजूद प्लांट नहीं लगाए गए। पंजाब सरकार की ओर से नर्सिंग की 400, पैरामेडिकल के 130 व डाक्टरों के 500 से अधिक पदों को भरने का इश्तिहार जारी न करना अपने आप में सुबूत है कि सरकारी अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। होशियारपुर के सिविल अस्पताल में 10 से अधिक डाक्टरों के पद खाली हैं।
सरकारी अस्पताल में सिटी स्कैन और एमआरआइ का प्रबंध हो
तीक्ष्ण सूद ने कहा कि सरकारी अस्पताल में कम से कम सिटी स्कैन और एमआरआइ की व्यवस्था होनी चाहिए क्योंकि गरीब परिवारों के लिए बाहर महंगे दाम पर सिटी स्कैन और एमआरआइ करवाना बस की बात नहीं है। इस मौके पर जिला अध्यक्ष निपुण शर्मा, सुरेश भाटिया, डा. बिदुसार शुक्ला, सुरिदर भट्टी, जीवेद सूद, धीरज एरी, कमल वर्मा, मोहित कैंथ उपस्थित थे।