शादी के एक माह बाद बहू ने बेटे को दिया जन्म, बदनामी के डर से महिला कर्मी को दे दिया बच्चा
शादी के एक माह बाद ही नवविवाहित महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। परिवार ने बदनामी के डर से बच्चा घर ले जाने से मना कर दिया और बच्चा महिला कर्मी को सौंप दिया।
जेएनएन, माहिलपुर [होशियारपुर]। जिला होशियारपुर के माहिलपुर में एक परिवार के बेटे की एक महीना पहले शादी हुई। वीरवार को बहू की तबियत खराब हुई तो परिवार उसे सिविल अस्पताल ले आया। रात करीब 11 बजे बहू ने बेटे को जन्म दिया। परिवार ने बदनामी के डर से बच्चा घर ले जाने से मना कर दिया और अस्पताल की एक महिला कर्मी को गुपचुप शुक्रवार सुबह बच्चा सौंप दिया। इसके बाद यह बात फैल गई कि महिला कर्मी ने एक दिन का बच्चा 60 हजार रुपये में बेच दिया है। हंगामा होने पर महिलाकर्मी ने कहा कि उसने बच्चा नहीं बेचा है। किस बच्चे की बात हो रही है उसे नहीं पता।
मामला उस वक्त और उलझ गया जब बच्चे की छानबीन शुरू हुई। बच्चा माहिलपुर सिविल अस्पताल से चार किलोमीटर दूर गांव कैंडोवाल में एक परिवार के पास मिला। जिस दंपती के पास बच्चा था उनके बेटे की शादी को सात साल हो चुके थे। उसकी कोई संतान नहीं थी। परिवार का कहना था कि उन्होंने बच्चा खरीदा नहीं है, बल्कि गोद लिया है। दिनभर हंगामे के बाद यह पता नहीं चल पाया कि बच्चा दंपती के घर कैसे पहुंचा।
लड़की के परिवार ने शादी से पहले किया गुमराह
जिस परिवार ने बच्चा महिला कर्मचारी को सौंपा था उनका कहना है कि उनके बेटे की शादी चमकौर साहिब में एक महीना पहले हुई है। उस समय भी बहू का पेट उभरा हुआ था, लेकिन उसके परिवार ने कहा कि लड़की के पेट में गैस बनती है। एक माह बाद ही बच्चा पैदा होने पर उनकी बदनामी होती, इसलिए बच्चा महिला कर्मी गुरमेल कौर को दिया। महिला कर्मी ने बच्चा आगे किसे दिया उन्हें नहीं पता। वहीं गुरमेल कौर ने कहा कि उसने बच्चा नहीं बेचा। उसे तो यह भी नहीं पता कि बच्चा चार किलोमीटर दूर गांव कैंडोवाल कैसे पहुंच गया।
हम करेंगे जांच : एसएमओ
एसएमओ सुनील अहीर ने कहा कि इस मामले की जांच करेंगे। अगर इसमें महिला कर्मचारी की कोई भूमिका पाई गई तो विभागीय नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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