दातारपुर क्षेत्र में रोपाई के लिए 90 हजार पौधे तैयार : दलजीत कुमार
वन रेंज अफसर दलजीत कुमार ने बताया कि इस समय वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में दातारपुर के नजदीक स्थित चार नर्सरी में कुल 90 हजार पौधे रोपाई के लिए तैयार हैं। यह पौधे फरवरी में रोपे जाएंगे।
संवाद सहयोगी, दातारपुर : वन रेंज अफसर दलजीत कुमार ने बताया कि इस समय वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में दातारपुर के नजदीक स्थित चार नर्सरी में कुल 90 हजार पौधे रोपाई के लिए तैयार हैं। यह पौधे फरवरी में रोपे जाएंगे। उन्होंने बताया कि ये नर्सरी गांव कंधो करोड़ा, बह अत्ता, पोहारी तथा लब्बर में स्थित हैं। इनमें शीशम ,ड्रेक, तून, बांस व खैर आदि के पौधे तैयार रखे गए हैं। दलजीत कुमार ने बताया ये पौधे इलाके के जंगल में खाली स्थानों पर तो लगाए ही जाएंगे, इसके साथ आम लोग भी इन पौधों को वन विभाग से मुफ्त में लेकर अपने खेतों अथवा अन्य स्थानों पर लगा सकते हैं।
उन्होंने बताया विभाग के निर्देशानुसार उक्त चारों नर्सरी में आगामी बरसाती सीजन में रोपने के लिए रिकार्ड तीन लाख पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए तीन लाख लिफाफों में सागवान, शीशम, खैर, हरड़, बहेड़ा, आंवला, बांस आदि के पौधे के बीज रोपे जाएंगे। इससे वन क्षेत्र तो बढे़गा ही साथ में पर्यावरण साफ सुथरा बनेगा और हरियाली भी बढ़ेगी।
क्यों सूख रहे शीशम के पेड़ : जब वन रेंज अधिकारी दलजीत कुमार से जब पूछा गया कि सड़कों के किनारे और खेतों में पहले शीशम के बड़े विशाल पेड़ हुआ करते थे। परन्तु अब या तो वे नजर नहीं आते अथवा जहां भी शीशम के पेड़ हैं वे सूख रहे हैं। इसपर दलजीत कुमार ने बताया कि, इसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन हो सकता है। क्योंकि ऐसा पंजाब के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी दिखता है। उन्होंने कहा कि शीशम की लकड़ी बहुत मजबूत मानी जाती है और इमारती काम में लोगों की यह पहली पसंद रही है। विभाग ने जंगलों में कुछ बड़े और स्वस्थ शीशम के पेड़ चिन्हित किए हैं। अब उन्हीं उच्च गुणवत्ता वाले पेड़ों का बीज लेकर बोया जा रहा है। ताकि स्वस्थ पौध लगाई जा सके। जिस पर रोगों का असर न हो और फिर से टाहली के पेड़ लहलहाएं।