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पौंग झील में 86 प्रजातियों के 87 हजार प्रवासी परिंदे पहुंचे

पौंग बांध स्थित झील में हर वर्ष आने वाले प्रवासी मेहमान परिंदों के आने का क्रम लगातार जारी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 04:34 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 04:34 PM (IST)
पौंग झील में 86 प्रजातियों के 87 हजार प्रवासी परिंदे पहुंचे
पौंग झील में 86 प्रजातियों के 87 हजार प्रवासी परिंदे पहुंचे

संवाद सहयोगी, तलवाड़ा

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पौंग बांध स्थित झील में हर वर्ष आने वाले प्रवासी मेहमान परिंदों के आने का क्रम लगातार जारी है। क्योंकि इस झील के आसपास इन्हें यहां मौसम काफी सुहावना व इन की इच्छाओं के अनुरूप मिलता है। वहीं पर इन्हें यहा प्रचुर मात्रा में खाने के लिए आहर भी मिल जाता है।

इस दौरान वाइल्ड लाइफ के डीएफओ राहुल एम रेहाने ने बताया है कि इस झील क्षेत्र में आने वाले प्रवासी पक्षियों की गणना करने के लिए वन्य प्राणी विभाग की 15 टीमें लगाई गई हैं जो पाक्षिक गणना करेंगी। वहीं पर की गई पाक्षिक गणना में एक जनवरी तक पौंग झील में 86 प्रजातियों के 87222 प्रवासी पक्षी दस्तक दे चुके हैं। वन्य प्राणी विभाग हर माह 15 दिनों में गणना करता है।

वन्यप्राणी विभाग के डीएफओ राहुल एम रेहाणे ने बताया कि है नए वर्ष के 16 जनवरी को वाइल्ड लाइफ विभाग की तरफ से दूसरी बार गणना की गई।

झील में आ चुके हैं इन प्रजातियों के पक्षी

उन्होंने कहा कि प्रवासी पक्षियों की गई इस पाक्षिक गणना के अनुसार बार हेडेड गीज 40073, कामन कूट 15234, नार्दर्न पिटेल 7285, कामन टिल 5916, कामन पौचार्ड 3673, लिटल कर्मोनेंट 3763, रूडी शेल डक 1389, गड वाल 968, स्पाट बिल्ड डक 960, रशियन विजन 742, नार्दन शावलर 469, ग्रेट कर्मोनेंट 573, ब्लैक विग्ड स्टिल्ट 420, वार्न स्वेल्लो 559,कॉमन मूर हेन 378, पर्पल मूर हेन 350, ब्राउन हेडेड गल्ल 282, रिवर टर्न 341, टफटेड पौचार्ड 282 ब्राऊन हेडेड गुल्ल 282 प्रवासी पक्षी पौंग झील में अपनी दस्तक दे चुके हैं।

अभी तक कोई मृत पक्षी नहीं मिला

वन्यप्राणी विभाग के डीएफओ राहुल रेहाणे ने बताया कि अभी तक झील में व इस पौंग बांध झील के आसपास की वन्य अभ्यारण्य क्षेत्र मे किसी भी प्रवासी पक्षी के मरने की सूचना नहीं मिली है। लेकिन फिर भी यदि किसी भी व्यक्ति को झील क्षेत्र में कभी भी कोई पक्षी मृत अवस्था मे मिलता है, तो वह तुरंत ही इस की सूचना अपने न•ादीकी वन्य प्राणी विभाग, सेहत विभाग अथवा पुलिस स्टेशन में दें।

अगर कोई पक्षी मरता है तो उसे न छुएं

वन्य जीव विभाग के अधिकारी ने कहा कि अगर कोई पक्षी मृत मिलता है तो उसे न छुएं। इसके साथ ही मृत पक्षी को कुत्तों और अन्य जानवरों से भी बचा कर रखें। उन्होंने बताया है कि इस के बावजूद भी यहा पर आने बाले प्रवासी परिंदों की विशेषज्ञों के द्वारा विधिवत रूप से इन के तापमान, खून के सहित कई तरह के सैंपल लेर बर्ड फ्लू से संक्रमित होने या न होने से संबंधित गहनता से जांच की जा रही है।


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