वर्ल्ड कबड्डी कप : फाइनल मैच में रोमांच ढूंढती रही नजरें, परिणाम से खुशी, चेहरों पर निराशा
डेरा बाबा नानक के शहीद भगत सिंह खेल स्टेडियम में कबड्डी कप के फाइनल मुकाबले को लेकर लोगों में भारी उत्साह था। लेकिन कैनेडा ने भारत की टीम के सामने घुटने टेक दिए। जिस काण हजारों की संख्या में आए दर्शकों में मायूसी छा गई और हर जुबां पर पाकिस्तान और भारत के बीच मुकाबले की जरुरत को महसूस किया गया। हालांकि फाइनल मुकाबले से पहले यूएसए और इंगलैंड की टीमों के बीच दिलचस्प मुकाबला हुआ। गौरतलब है कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को लेकर पंजाब सर
सुनील थानेवालिया, डेरा बाबा नानक : कबड्डी-कबड्डी की आवाज आते ही खेल के मैदान में सन्नाटा छा गया। दर्शकों की नजरें भारतीय खिलाड़ियों पर टिकी हुई थी और मन में टीम की जीत की दुआ मांगी जा रही थी। पहले क्र्वाटर में भारत की जीत पर लगातार तालियों की गड़गड़ाहट से मैदान गूंज उठा। दूसरी तरफ कनाडा के खिलाड़ी सिर्फ चार अंक ही बटोर पाए। जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता गया जीत एक तरफा होती गई। दर्शकों के चेहरे पर खुशी छलक रही थी लेकिन फाइनल मैच में होने वाले रोमांच की कमी भी खलने लगी। मैच खत्म होते-होते भारतीय की टीम ने 65 अंक हासिल कर लिए औरकनाडा मात्र 19 अंक पर ही सिमट गई। रोमांच खत्म होते ही दर्शक मैदान से बाहर निकलते हुए भी नजर आए। फाइनल मैच के रोमांच को ढूंढती दर्शकों की नजरें पहले हुए यूएसए व इंग्लैंड के मुकाबले पर भी टिकी रही। तीसरी पोजिशन के लिए दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने जोश दिखाया। पहले दौर में नंबर आगे-पीछे चलते रहे और अंतिम दौर में यूएसए ने 43 अंक हासिल किए और इंग्लैंड ने 33 अंक लिए। डेरा बाबा नानक के शहीद भगत सिंह खेल स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी कप के फाइनल मुकाबले में पहुंचे दर्शकों की जुबां पर पाकिस्तान और भारत के बीच मुकाबले की जरूरत को महसूस किया गया।
जीत की खुशी
भारतीय खिलाड़ी अर्शदीप सिंह ने कहा कि भारत की टीम पूरे टूर्नामेंट के दौरान काफी मजबूत रही। बाकी देशों की टीमों के खिलाडि़यों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। अर्शदीप ने कहा कि अभी कुछ देशों के खिलाड़ियों को ट्रेनिग की जरुरत है ताकि वह आगे से और भी अच्छी तरह से खेल सकें। उसने कहा कि अगर टूर्नामेंट में पाकिस्तान की टीम भी होती तो उन्हें खेलने में और दर्शकों को मैच देखने में मजा आता। भारतीय टीम के खिलाड़ी खुशी ने कहा कि कैनेडा की टीम में अधिकतर खिलाड़ी नए व कम आयु के थे। जिसके चलते वह भारत की टीम के आगे टिक नहीं सके। हार की निराशा
कनाडा के खिलाड़ी जसकरण सिंह ने कहा कि उनकी टीम में शामिल सभी खिलाड़ी 21 से 22 साल की आयु वर्ग के हैं जबकि भारत की टीम के खिलाड़ी मंझे हुए हैं। फिर भी टीम फाइनल तक पहुंची और खिलाड़ियों ने हौसला नहीं छोड़ा। जसकरण ने बताया कि अगले दो साल में उनकी टीम और भी मजबूत बनेगी। उन्हें पूरी उम्मीद है कि अगली बार वह कबड्डी कप जरुर जीतेंगे।