काला जादू के शक में पति को बांधे रखा दो माह तक जंजीरों से, यूंका नेता ने छुड़ाया
काला जादू के अंधविश्वास में फंसी एक महिला ने दो माह तक अपने पति को जंजीरों से बांधकर घर में बंधक बनाए रखा।
जेएनएन, गुरदासपुर। काला जादू के अंधविश्वास में फंसी एक महिला ने दो माह तक अपने पति को जंजीरों से बांधकर घर में बंधक बनाए रखा। इसकी भनक लगने के बाद यूथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नकुल महाजन ने पीड़ित के घर पहुंचकर उसे जंजीरों से मुक्त कराया।
वहीं, सोमवार को पीड़ित के रिश्तेदार भी इस बात का विरोध करने के लिए पहुंचे। उधर, जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी की सचिव कंवरदीप कौर राणा के कार्यालय की टीम मनजीत कौर के नेतृत्व में पहुंची और दंपती के बयान दर्ज किए गए। मामला बिगड़ता देख पत्नी ने सभी के सामने अपनी गलती मानी। उसने विश्वास दिलाया कि वह आगे से ऐसा कुछ भी नहीं करेगी।
थाना सिटी के तहत बहरामपुर रोड के मोहल्ला बाबू परमानंद निवासी लक्ष्मी ने बताया कि उसकी शादी 30 साल पहले सरवन कुमार पुत्र सज्जू राम के साथ हुई थी। शादी के बाद सब कुछ ठीकठाक चलता रहा। उनका एक बेटा व एक बेटी है। बेटा किसी बाहरी शहर में काम करता है। बेटी उनके साथ रहती है। उसने बताया कि उसके पति ने एक साल पहले गांव तुंग में काला जादू के माहिर किसी बाबा के पास जाना शुरू कर दिया। फिर पति ने अपने ही परिवार पर काला जादू करना शुरू कर दिया। इसके बाद परिवार के सभी सदस्य बीमार रहने लगे।
इससे बचने के लिए दो माह पहले उसने अपने पति को जंजीरों से बांध कर घर में रख लिया। जिसके बाद सब कुछ ठीकठाक रहने लगा। उसने कहा कि वह पति को बांधकर बेशक रखती रही, परंतु उसकी देखरेख अच्छे तरीके से करती है। उन्होंने कहा कि अगर वह उसे जंजीरों से मुक्त करती है, तो वह बाहर की तरफ भागता है। उन्हें डर है कि वह कुछ कर न ले।
नहीं जानता कोई जादू
पीड़ित सरवन ने बताया कि वह कोई काला जादू नहीं जानता है। वह अमृतसर में रिक्शा चलाता था और घर लगातार पैसे भेजता था। दो माह पहले पत्नी जबरदस्ती उसे अपने साथ ले आई और घर लाकर उसे खाना आदि देना भी बंद कर दिया। इस कारण वह बाहर जाकर लोगों से मांगकर खाता था। इसके बाद पत्नी ने उसे जबरन जंजीरों से बांध दिया। वह कई बार अपने बच्चों से जंजीरें खोलने के लिए कहता था, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। हालांकि जंजीरे खुलवाने के बाद उसने पत्नी को माफ करते हुए उसके साथ रहने पर रजामंदी जताई।
सूचना मिलते ही बचाने के लिए पहुंचे
पीड़ित के भाई चरणदास व भांजे विकास ने बताया कि जैसे ही उन्हें उक्त मामले की भनक लगी, तो उन्होंने अपने अन्य रिश्तेदारों को भी सूचित किया। जिसके बाद वे सोमवार को सरवन को जंजीरों से रिहा करवाने के लिए पहुंचे। हालांकि उनके आने से पहले ही उसे जंजीरों से मुक्त कर दिया गया।
जज के स्टाफ ने दर्ज किए बयान
उधर, मामले की सूचना मिलने पर जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी की सचिव जज कंवरदीप राणा के स्टाफ सदस्य में से मनजीत कौर और पुलिस कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पति-पत्नी के बयान कलमबंद किए।
नहीं होता कोई काला जादू
तर्कशील सोसायटी के प्रधान त्रिलोचन सिंह से इस बारे में कहा कि काला जादू जैसी कोई चीज नहीं होती। यह केवल लोगों का भ्रम है। उन्होंने कहा कि अगर किसी इंसान को अधिक देर जंजीरों से बांध कर रखा जाए, तो वह पागल भी हो सकता है। वह पीड़ित के घर जाकर उसकी पत्नी को जागरूक करेंगे।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें