Move to Jagran APP

वर्तमान में नहीं संभाला पानी, तो आने वाले समय में होगी परेशानी

र¨जदर कुमार पंडोत्रा, गुरदासपुर : पानी हमारे जीवन में अहम स्थान रखता है। पानी है तो हम हैं। पानी की

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 04:41 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 04:41 PM (IST)
वर्तमान में नहीं संभाला पानी, तो आने वाले समय में होगी परेशानी
वर्तमान में नहीं संभाला पानी, तो आने वाले समय में होगी परेशानी

र¨जदर कुमार पंडोत्रा, गुरदासपुर : पानी हमारे जीवन में अहम स्थान रखता है। पानी है तो हम हैं। पानी की हमें कदर करनी चाहिए, परंतु पता नहीं क्यों हम इसकी कदर नहीं करते। पानी को हम ऐसे ही व्यर्थ बहा रहे हैं। यदि वर्तमान समय में पानी को ना संभाला गया तो आने वाले समय में पानी के लिए हमें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ेंगी। जिले में जहां प्रतिदिन भूजल स्तर गिरता जा रहा है जो एक ¨चता का विषय है। वहीं, इसका दुरुपयोग करने से पानी की किल्लत पैदा हो सकती है। पानी को बचाना हम सभी का धर्म है। बेशक अभी तक इस सीमावर्ती जिला गुरदासपुर में ज्यादातर ब्लॉकों में खतरे वाली स्थिति नहीं बनी, परंतु जिले के अलग-अलग ब्लॉकों में पिछले करीब 10 वर्षो से नीचे रहा पानी का स्तर बड़े खतरे के संकेत दे रहा है। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले समय में पानी की बचत के लिए अहम फैसले देते हुए घरों में पाइप से गाड़ियां व अन्य स्थानों पर पानी का दुरुपयोग करने पर पाबंदी लगाई थी। बावजूद इसके भी लोग सरेआम सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और पानी का खुलेआम दुरुपयोग कर रहे हैं।

loksabha election banner

अगर बात की जाए गुरदासपुर के सिविल अस्पताल की तो यहां मेन गेट के समक्ष लगी सीवरेज पाइप से पिछले कई दिनों से हजारों लीटर पानी लीकेज हो रहा है, जो ऐसे ही व्यर्थ बह रहा है। जिस कारण सिविल अस्पताल को जाने वाले रास्ते पर हर समय पानी खड़ा रहता है। यह पानी ऐसे प्रतीक होता है कि जैसे बारिश का पानी खड़ा हुआ हो। अस्पताल में आते मरीजों के परिजनों को इस पानी से होकर गुजरना पड़ता है, जिन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि इसी मेनद्वार से होकर प्रतिदिन सिविल अस्पताल प्रशासन गुजरता है और इस बह रहे व्यर्थ पानी को देखता है, मगर व्यर्थ बह रहे इस पेयजल का ठोस हल निकालना कोई भी जरूरी नहीं समझता। यही कारण है गत कई दिनों से पानी ऐसे ही व्यर्थ बहता जा रहा है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी सेमिनार लगाकार लोगों को पानी की संभाल संबंधी लेक्चर देते हैं। मगर आप पानी की संभाल करने से कतराते दिखाई देते हैं। यही कारण है कि अनमोल पेयजल हमारी ¨जदगी से धीरे-धीरे दूर होता चला जा रहा है। पानी को बचाने में सभी को जागरूक होने की जरूरत है।

समाजसेवी संस्थाओं के नेताओं मक्खन कोहाड़, जो¨गदरपाल, एनके सोई आदि का कहना है गुरदासपुर में पिछले 15 वर्षों के मुकाबले पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है। इसके अलावा गुरदासपुर में बारिश के पानी को संभालने के लिए भी कोई इंतजाम प्रशासन की ओर से नहीं किए गए। कुछ लोगों की लापरवाही और प्रशासन की अनदेखी के कारण गुरदासपुर में अनमोल पेयजल को संभाला नहीं जा रहा। पानी की बर्बादी खुलेआम हो रही है। उन्होंने बताया कि कई बार देखने में आया है कि नगर कौंसिल के कर्मचारी पानी टैंकर में भर कर शहर की सड़कों पर ऐसे ही व्यर्थ बहाते रहते हैं तथा या फिर ऐसे ही एक जगह पर पानी का टैंकर लगाकार एक जगह पर ही पानी फिजूल ही बहता रहता है, जिन्हें रोकने वाले कोई भी नहीं होता। प्रदेश में भी आ सकता है जल संकट : प्रवीन कुमार

प्रवीन कुमार ने कहा कि देश के कई राज्यों में जल संकट आ चुका है। ऐसे में पंजाब में भी कई जगहों पर पानी का दुरुपयोग हो रहा है और पानी का स्तर भी दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है। जिससे साफ लगता है कि पंजाब में भी जल संकट आ सकता है। पानी को संभाले, न कि इसकी बर्बादी करें : राजन

राजन गोयल का कहना है कि पानी को संभालना चाहिए न कि इसकी बर्बादी करने चाहिए। कई स्थानों पर देखने में आया है कि लोग ऐसे ही पानी व्यर्थ बहा रहे हैं, जो किसी काम नहीं आ रहा है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि पानी का दुरुपयोग बंद किया जाए। यर्थ बहते पानी की संभाल होनी चाहिए : विशाल

विशाल नंदा ने कहा कि शहर में कई स्थानों पर पानी लीकेज होता है, जिस कारण हजारों लीटर पानी ऐसे ही व्यर्थ बह जाता है, जो किसी काम नहीं आता। ऐसे में यहां-यहां पानी लीकेज होता है, उसको ठीक करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। पानी को संभालना सभी का कर्तव्य : रोहित

रोहित का कहना है कि पानी को संभालना हम सभी का क‌र्त्तव है। इसलिए हमें पानी का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए और पानी की संभाल करनी चाहिए। अन्य लोगों को भी पानी की संभाल संबंधी जागरूक करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.