फौजी की बेटी की पेंशन लगवाई
भारतीय सेना अपने सैनिकों और उनके परिवारों की देखभाल करने को हमेशा वचनबद्ध रहती है।
सुनील थानेवालिया, गुरदासपुर
भारतीय सेना अपने सैनिकों और उनके परिवारों की देखभाल करने को हमेशा वचनबद्ध रहती है। इसकी मिसाल सेना की 21 सब एरिया पठानकोट के वेटरन सहायता केंद्र ने बखूबी पेश की है। केंद्र के प्रयासों से भीख मांग कर गुजारा करने वाली एक फौजी की बेटी को मासिक पेंशन के साथ-साथ करीब सात लाख रुपये का एरियर सेना की ओर से स्वीकृत किया गया।
दीनानगर के वार्ड 9 स्थित हरिजन कॉलोनी की एक 55 वर्षीय महिला शकुंतला देवी के पिता सिख रेजीमेंट में तैनात सिपाही सेवा राम का 12 मार्च 1978 में ड्यूटी के दौरान निधन हो गया था। मां ने तीन भाइयों की इकलौती बहन की शादी की। लेकिन भाग्य में वैवाहिक जीवन का सुख भी नसीब नहीं हुआ और 12 वर्ष पहले उनका पति रवि कुमार कहीं लापता हो गए। आखिर शकुंतला देवी अपने मायके में रहकर जीवन बसर करने लगी। दुर्भाग्य ने यहां भी उसका साथ नहीं छोड़ा और कुछ समय बाद मां की मौत हो गई। समय गुजरने के साथ दो भाइयों की भी मौत हो गई। उनके लिए अपना गुजारा करना भी मुश्किल हो गया और आमदन का कोई साधन न होने पर लोगों से भीख मांग कर अपना गुजारा करने लगी।
सेना के नियमों अनुसार किसी सैनिक की मौत होने के बाद उनकी पत्नी के बाद अविवाहित अथवा विधवा बेटी को पेंशन की सुविधा मिलती है। इसके लिए उन्होंने कई बार गुरदासपुर में जिला रक्षाएं सेवाएं भलाई विभाग में पिता के आश्रित होने की पेंशन की सुविधा हासिल करने के लिए गुहार लगाई। लेकिन पति के लापता होने व कोई मृत प्रमाणपत्र नहीं होने के कारण वहां से कोई संतोषजनक जबाव नहीं मिला। वह मदद के लिए दर-दर भटकती रही। मदद के लिए 2018 में वेटरन सहायता केंद्र पहुंची शकुंतला देवी
शकुंतला देवी 2018 में पठानकोट में सेना के 21 सब एरिया के वेटरन सहायता केंद्र के इंचार्ज कर्नल एमएस राणा के पास मदद के लिए पहुंची। कर्नल राणा ने उनके केस को गंभीरता से स्टडी करते हुए पाया कि पति के मृत प्रमाणपत्र के आधार पर उसे पिता की फैमिली पेंशन का लाभ मिल सकता है। उन्होंने उसे अदालत में भेजा और जनवरी 2019 में अदालत ने 12 वर्ष से गुम उसके पति की गुमशुदगी के आधार पर परज्यूम डेड सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश जारी कर दिया। कर्नल राणा ने नगर कौंसिल से संपर्क कर डेथ सर्टिफिकेट को जारी करवाने में भी मदद की और उसके केस को तैयार कर पेंशन की स्वीकृति के लिए यूनिट सेंटर रामगढ़ भेजा। 21 हजार रुपये पेंशन और सात लाख रुपये एरियर हुआ स्वीकृत
आखिर कर्नल राणा की मेहनत और शकुंतला देवी की वर्षों की दौड़धूप रंग लाई और उन्हें करीब 21 हजार रुपये मासिक पेंशन स्वीकृत होने के साथ साथ करीब सात लाख रुपये का पिछला एरियर जारी हो पाया है। कर्नल एमएस राणा एक प्रकार से शकुंतला देवी के लिए एक मसीहा बन कर सामने आए। बीती पांच अगस्त को उन्होंने 21 सब एरिया कमांडर से स्वीकृति दिलवा कर उसे 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी मुहैया करवाई। कर्नल राणा ने शकुंतला देवी को अपने कार्यालय में जब पेंशन और एरियर के कागजात सौंपे। बेसहारा सैनिक परिवारों का सहारा बने कर्नल राणा : कुंवर विक्की
शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविदर सिंह विक्की ने बताया कि 21 सब एरिया में जब से वेटरन सहायता केंद्र स्थापित किया है तब से कई पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों, वीर नारियों और शहीद परिवारों को उनका बनता हक दिलाने में उल्लेखनीय कार्य किया है। जो अपने आप में एक मिसाल है। कई सैनिक परिवारों के जीने का सहारा बने कर्नल एमएस राणा एक ऐसे कर्मयोगी अधिकारी हैं, जो हर काम को एक चुनौती के रूप में लेते हैं।