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तेजधार हथियार से भी घातक है ड्रैगन डोर

नजदीक आ रहे लोहड़ी मकर सक्रांति व बसंत पंचमी के त्योहारों का पंजाब में पतंगबाजों को इंतजार रहता है

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 04:26 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 04:26 PM (IST)
तेजधार हथियार से भी घातक है ड्रैगन डोर
तेजधार हथियार से भी घातक है ड्रैगन डोर

संस, किला लाल सिंह : नजदीक आ रहे लोहड़ी, मकर सक्रांति व बसंत पंचमी के त्योहारों का पंजाब में पतंगबाजों को बेसब्री से इंतजार रहता है। खासकर बच्चे व नौजवान पतंगबाजी को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं। लेकिन, लोकल माझे वाली डोर की जगह पर चाइना की ड्रैगन डोर के इस्तेमाल से जहां असल पतंगबाज परेशान हैं, वहीं लोकल डोर तैयार करने वाले हजारों कारीगर भी बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। इस जानलेवा डोर की चपेट में आकर अनेकों निर्दोष लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं, फिर भी जहां अभी तक इस कातिल डोर की चोरी छिपे खूब बिक्री हो रही है। वहीं इसका इस्तेमाल भी देखने को मिल रहा है। बेशक सरकार की तरफ से हर साल इस ड्रैगन डोर को बेचने व इस्तेमाल करने की भी पाबंदी जारी की जाती है। मगर फिर भी हर साल इसी जानलेवा डोर की ही बिक्री हो रही है व इसका ही इस्तेमाल भी होता है। इसका मुख्य कारण आम लोगों में जागरूकता की कमी व पुलिस प्रशासन की ढीली कार्रवाई है।

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रोक लगाने के लिए बने सख्त कानून

समाज सेवक विजय कुमार सोनी मोहलोवाली ने कहा कि चाइनीज डोर पर पाबंदी लागू करने के लिए सख्त कानून पास होना चाहिए। आम व्यापारी इस जानलेवा ड्रैगन डोर को बड़े आराम से बेचता है। क्योंकि वह जानता है कि अगर पकड़े भी गए तो जमानत हो जाती है। अगर इस ड्रैगन डोर को बेचने वाले अपराधियों की जल्द जमानत ना हो। साथ ही भारी जुर्माना और कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए।

लोगों को खुद भी होना पड़ेगा जागरूक : शरणजीत सिंह

सीनियर यूथ अकाली नेता शरणजीत सिंह धारोवाली ने कहा कि जब तक आम लोगों में इस जानलेवा ड्रैगन डोर के खिलाफ जागरूक नहीं होंगे तब तक इस पर पूरी तरह पाबंदी लगाना काफी मुश्किल है। बेशक सरकार व पुलिस प्रशासन इस डोर पर पाबंदी लगा देते हैं। मगर उनकी तरफ से ज्यादा कड़ाई न होने की वजह से इस पर अंकुश नहीं लग रहा। अनेकों समाज सेवी संस्थाएं भी अपनी तरफ से रैली निकालकर इस ड्रैगन डोर का बहिष्कार करने के लिए लोगों को जागरूक भी करती हैं, लेकिन जब तक लोग खुद जागरूक नहीं होते तब तक इस पर रोक बेअसर ही रहेगी।

पशु-पक्षी भी बन रहे हैं ड्रैगन का शिकार : नरेंद्र कुमार

समाज सेवक व एकाउंटेंट नरेंद्र कुमार ने कहा कि इस ड्रैगन डोर से जहां अभी तक इंसानों को काफी नुकसान पहुंचा है। इस जानलेवा डोर का पशु-पक्षी भी शिकार हो रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में पक्षी हर साल तड़प-तड़प कर मरते हैं। ड्रैगन डोर आने के बाद से हजारों कारीगर भी बेरोजगार हो चुके हैं। हर बच्चे के मां-बाप को भी अपने लाडले को इस ड्रैगन डोर से होने वाले नुकसान से अवगत करा उनको लोकल माझे वाली डोर ही ले कर देनी चाहिए।

समय-समय पर लगाए जाएं सेमिनार : विजय प्रभाकर

शिवसेना समाजवादी के जिला प्रधान विजय प्रभाकर ने कहा कि इस जानलेवा ड्रैगन डोर के दुष्परिणामों से अवगत कराने के लिए सरकार की तरफ से हर शहर व गांवों में समय-समय पर जागरूकता सेमिनार आयोजित करने चाहिए। आम लोगों को भी इस काम में पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग करना चाहिए। इस ड्रैगन डोर ने जहां अनेकों घरों के दीपक बुझा दिए हैं वहीं अनेकों पशु-पक्षी भी इसका शिकार हो चुके हैं। यह डोर नालियों में गिर कर इकट्ठी होकर सीवरेज सिस्टम को भी जाम कर देती है।


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