12 साल पहले मंजूर शक्की किरण नाला परियोजना आज भी अधूरी
भारत सरकार के केंद्रीय जल आयोग ने 2009 में गुरदासपुर और अमृतसर सीमावर्ती जिलों के क्षेत्रों से गुजरने वाले 170 किलोमीटर लंबे शक्की किरण नाले को चौड़ा और सीधा करने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी थी। मगर अफसोस कि 12 साल बीत जाने के बाद भी इस नाले का निर्माण पूरा नहीं हो सका है।
महिदर सिंह अलन्न, कलानौर : भारत सरकार के केंद्रीय जल आयोग ने 2009 में गुरदासपुर और अमृतसर सीमावर्ती जिलों के क्षेत्रों से गुजरने वाले 170 किलोमीटर लंबे शक्की किरण नाले को चौड़ा और सीधा करने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी थी। मगर अफसोस कि 12 साल बीत जाने के बाद भी इस नाले का निर्माण पूरा नहीं हो सका है।
शक्की किरण नाला हर साल मानसून के मौसम में किसानों की फसलों को प्रभावित करता है। जिला गुरदासपुर के कस्बा दीनानगर के गांव सवैलपुर कोलियां से शुरूहोने वाला यह नाला 150 किलोमीटर लंबा है। जिला गुरदासपुर में करीब 70 किलोमीटर व जिला अमृतसर के 80 किलोमीटर के इलाके में सैंकड़ों गांवों से यह नाला होकर गुजरता है। किरण नाले को चौड़ा और सीधा करने के लिए केंद्र सरकार ने एक परियोजना को 2009 में मंजूरी दी थी और 118 करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे। इसमें से 25 प्रतिशत राशि पंजाब सरकार द्वारा खर्च की गई है। नौ करोड़ रुपये की पहली किस्त 31 मार्च 2009 को संबंधित ड्रेनेज विभाग को शुरू होने के मद्देनजर जारी की गई थी। रहीमाबाद, किला नत्थू सिंह, कमालपुर अफगाना आदि में पुलों का निर्माण किया गया। पंजाब में कांग्रेस के शासन के दौरान सुखजिदर सिंह रंधावा विधायक व उप मुख्यमंत्री पंजाब ने नाले को सीधा और चौड़ा करने के लिए कलानौर, डेहरीवाल और धारोवली में लाखों रुपये खर्च किए थे। इसी बीच सेना की तरफ से नाले के दोनों और मोर्चा और बंकर बनाने की मांग के बाद केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट रोक दिया था। तब से ही नाले का काम बंद पड़ है। इस मौके पर किसान रजिदर सिंह, दिलबाग सिंह, हरजिदर सिंह, निर्मल सिंह, गुरदेव सिंह आदि ने कहा कि किरण नाला सीधा, गहरा और चौड़ा नहीं है। बरसात के मौसम में पानी की कमी के कारण फसलों को नुकसान होता है और फसलें नष्ट हो जाती हैं और उन्हें बहुत कुछ सहना पड़ता है। नाले के निर्माण के लिए रिपोर्ट केंद्र को भेजी : एक्सईएन
ड्रेनेज विभाग के एक्सईएन जयपाल सिंह भिडर ने कहा कि शक्की किरण नाला परियोजना को केंद्र सरकार ने 2009 में मंजूरी दी थी। केंद्र द्वारा इस परियोजना की पहली किस्त जारी होने के बाद सेना द्वारा इस नाले के दोनों किनारों पर मोर्चों और बंकरों के निर्माण की मांग के बाद केंद्र सरकार ने परियोजना को रोक दिया था। जल निकासी विभाग ने एक रिपोर्ट तैयार की है। इस किरण नाले के निर्माण के लिए 110 करोड़ रुपये की रिपोर्ट केंद्र को भेजी है। इस प्रोजेक्ट को मुकम्मल करने के लिए जिला गुरदासपुर व अमृतसर के संबंधित विभाग के अधिकारी केंद्र सरकार को पत्र भेजकर फंडों की मांग कर रहे हैं।