पराली को आग नहीं लगा रहे डेरा बाबा नानक क्षेत्र के सरपंच
श्री गुरु नानक देव जी के नाम से जाने जाते विधानसभा हलका डेरा बाबा नानक के ब्लाक के सरपंच पराली को बिना आग लगाए गेहूं की बुआई कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, डेरा बाबा नानक : श्री गुरु नानक देव जी के नाम से जाने जाते विधानसभा हलका डेरा बाबा नानक के ब्लाक के सरपंच पराली को बिना आग लगाए गेहूं की बुआई कर रहे हैं। इससे वे पर्यावरण को दूषित होने से बचाने और जमीन की उपजाऊ शक्ति को बचा रहे हैं। इस कारण वे किसान अन्य किसानों के लिए मिसाल बने हुए हैं। 9
पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए नहीं जलाए पराली : अवतार सिंह
गांव हकीमपुर के सरपंच अवतार सिंह लाडी ने बताया कि पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए पराली को आग लगाने से गुरेज करना चाहिए। हर साल की तरह इस बार भी उन्होंने बिना आग लगाए गेहूं की बुआई की है। कुछ किसान जल्दबाजी में आग लगाकर पर्यावरण को दूषित करने में लगे हुए हैं। उनकी लापरवाही का परिणाम आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ सकता है। 10
पराली को खेतों में ही नष्ट करें : कंवलप्रीत सिंह
नौजवान सरपंच कंवलप्रीत सिंह पन्नू पन्नवां ने बताया कि वे पराली को आग लगाने की बजाए खेतों में ही नष्ट कर पांच वर्ष से खेतों की उपजाऊ शक्ति को बढ़ा रहे हैं। इससे पर्यावरण दूषित होने से बच रहा है और फसल का भी झाड़ अधिक निकल रहा है। ग्राम पंचायत ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर गांव में पौधे लगाए थे, जिनका पालन पोषण किया जा रहा है। 11
पराली को खेतों में जोतने से लाभ : कश्मीर सिंह
गांव नाहरपुर के सरपंच कश्मीर सिंह ने कहा कि वे पिछले लंबे समय से कंबाइन से काटी हुई फसल की पराली को खेत में ही सुपरसीडर से गेहूं की बुआई कर रहे हैं। पराली खेतों में जोतने से जमीन को खुराकी तत्व प्राप्त होते हैं। गेहूं के अवशेष को खेतों में ही नष्ट करने धान की सीधी रोपाई का झाड़ अच्छा निकला है। धान की अग्रिम कटाई होने के बाद एक माह खेत खाली रहने से सेहत को राहत मिली है। 12
पराली को कद्दू करके रोटावेटर से नष्ट करते हैं : दिलबाग सिंह
ग्राम पंचायत किला नत्थू सिंह के सरपंच दिलबाग सिंह ने बताया कि पर्यावरण व जमीन की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाने के लिए उन्होंने आठ एकड़ के करीब धान की फसल एसएमएस कंबाइनों से कटाई की थी। इसके बाद पराली को खेतों में ही कद्दू करके रोटावेटर से नष्ट कर दिया था। उन्होंने किसानों से अपील की है कि पराली को आग लगाने की बजाए एसएमएस कंबाइनों से कटाई की जाए।