विदेश से लौटा ग्रेजुएट प्रिस हाथ से तैयार कर रहा कृषि औजार
बढ़ती जा रही महंगाई और बेरोजगारी के चलते नौजवान एशो आराम का जीवन व्यतीत करने के लिए विदेशों का रुख कर रहे हैं वहीं अपने वतन की मिट्टी से मोह सीने में समाए बैठे विदेश से लौटा ग्रेजुएट प्रिस कलानौर कृषि के औजार तैयार कर मिसाल कायम कर रहा है।
संवाद सहयोगी, कलानौर : बढ़ती जा रही महंगाई और बेरोजगारी के चलते नौजवान एशो आराम का जीवन व्यतीत करने के लिए विदेशों का रुख कर रहे हैं, वहीं अपने वतन की मिट्टी से मोह सीने में समाए बैठे विदेश से लौटा ग्रेजुएट प्रिस कलानौर कृषि के औजार तैयार कर मिसाल कायम कर रहा है।
कलानौर में तीन पीढि़यों से कृषि से संबंधित औजार तैयार करते आ रहे प्रिस ने बताया कि उसने सरकारी नौकरी की लालसा में ग्रेजुएशन पास की, लेकिन नौकरी न मिलने से वह विदेश दोहा कतर चला गया था और वहां पर जेसीबी मशीन चलाने लगा। उसने चार साल तक ड्राइवर के रूप में मेहनत की। उसने बताया कि विदेश में रहने के बावजूद भी वतन की मिट्टी का मोह उसे अपने वतन में खींच लाया। वह विदेश से आकर अपनी पूर्वजों के कारोबार कृषि के औजार बनाने में जुट गया है और अच्छी आमदन कमा रहा है। वह औजारों आदि बनाने के अलावा रिपेयर करता है। उन्होंने विदेश जा रहे नौजवानों को अपील की कि वह अपने ही देश में मेहनत करने को तरजीह दें।