दो करोड़ का टैक्स दबाए बैठे हैं ट्रंासपोर्टर, जारी हो सकता है नोटिस
पंजाब सरकार का सरकारी टैक्स डकार कर बैठे ट्रांसपोर्टरों को परिवहन विभाग अब नोटिस देने की तैयारी में है।
बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर :
पंजाब सरकार का सरकारी टैक्स डकार कर बैठे ट्रांसपोर्टरों को परिवहन विभाग अब नोटिस देने की तैयारी में है। नोटिस भेजने की पूरी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और सोमवार से लोगों के घरों में नोटिस पहुंचने लगेंगे। 1553 के करीब ऐसे ट्रांसपोर्टर हैं जो मैक्सी कैब ओवरलोड गाड़ियां (गुड्स कैरियर) गाड़ियों की संख्या सबसे अधिक हैं। इनमें से 680 लोगों को पहले ही नोटिस भेज दिया गया था जो धीरे-धीरे टैक्स जमा करवा रहे हैं।
गौरतलब है कि यह सभी वाहन चालक पंजाब सरकार का बनता सरकारी टैक्स नहीं दे रहे हैं ।जिसके चलते ऐसे लोगों के खिलाफ विभाग अब कार्रवाई के मूड में है, पहले तो इन सभी ट्रांसपोर्टरों को परिवहन विभाग ने फोन काल के माध्यम से संपर्क करके टैक्स जमा कराने की अपील की, इसके बावजूद जब इन लोगों ने टैक्स जमा नहीं करवाए तो अब इन्हें नोटिस भेजा जा रहा है। ब्लैक लिस्टेड हो सकती हैं गाड़ियां
पंजाब सरकार का सरकारी टैक्स जमा ना करवाने वाली इन गाड़ियों को आरटीए आफिस के कर्मचारी ब्लैक लिस्टेड कर सकते हैं। दरअसल टैक्स जमा करवाने के चलते इन लोगों को डिफाल्टर घोषित कर दिया गया है । जब तक यह टैक्स जमा नहीं करवाते तब तक विभाग इन्हें ब्लैक लिस्टेड रखेगा। ब्लैक लिस्टेड होने के बाद ना तो यह गाड़ी बिक सकेगी और ना ही इसकी रजिस्ट्रेशन संबंधी कोई काम ऑफिस में किया जाएगा।
डिप्टी कमिश्नर को लिखा जाएगा कार्रवाई के लिए
टैक्स जमाना करवाने वाले डिफाल्टर अगर नोटिस मिलने के बावजूद भी पैसे जमा नहीं करवाते तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई के लिए डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर को विभाग लिखेगा जिसके बाद ऐसे लोगों की माल विभाग से रिकार्ड निकालकर इन पर एक्शन लिया जा सकता है। उधर रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी बलदेव रंधावा का कहना है कि लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है। उम्मीद है कि लोग नोटिस मिलने के बाद अपना टैक्स जमा करवाएंगे नहीं तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई निर्धारित है।
नए सेशन की शुरुआत से पहले डिफाल्टर पर शिकंजा
वित्तीय सेशन की शुरुआत होने से पहले ऐसे लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है, जो पंजाब सरकार का सरकारी टैक्स दबा कर बैठे हैं। बता दे कि पंजाब सरकार का सभी विभाग के अधिकारियों पर डंडा है। जिसके चलते इन लोगों से टैक्स की वसूली करना अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है।