पुस्तक रणजोधे में परिषद के कार्यो की सराहना
सदियों की गुलामी के बाद देश को जो बहुमूल्य आजादी मिली उसके पीछे कुर्बानियों का लंबा इतिहास रहा है।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : सदियों की गुलामी के बाद देश को जो बहुमूल्य आजादी मिली, उसके पीछे कुर्बानियों का लंबा इतिहास रहा है। उस आजादी की गरिमा को बरकरार रखने हेतु हमारे कई जांबाज सैनिक आए दिन अपने बलिदान दे रहे हैं। उन सैनिकों की शहादतों से उनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट जाता है, परिवार जिदा लाशें बन कर रह जाते हैं। ऐसे लोगों का दुख दर्द बांटने के लिए व उनके रिस्ते जख्मों पर मरहम लगाने हेतु पंजाब की एकमात्र गैर राजनितिक संस्था बनी है, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद। इसके महासचिव हैं कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की, जोकि पिछले 24 वर्षों से इन शहीद परिवारों की आवाज बन कर बिना वर्दी व बंदूक के एक सैनिक की तरह इन परिवारों के अधिकारों की लड़ाई लड़ते हुए उन्हें फिर से अपने पैरों पर जीने की राह दिखा रहे हैं।
कुंवर विक्की द्वारा निष्काम भाव से निभाई जा रही सेवाओं व उत्कृष्ठ कार्यशैली को देखते हुए पिछले दिनों पंजाब सरकार द्वारा प्रकाशित पुस्तक रणजोधे में उनके कार्यो की सराहना करते हुए उनके सम्मानित होने की तस्वीर प्रकाशित करके सरकार ने उन्हें शहीद परिवारों का मसीहा करार दिया। शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद पंजाब की एकमात्र ऐसी संस्था है, जिसे इस पुस्तक में स्थान मिला है। रक्षा सेवाएं भलाई विभाग पंजाब के डायरेक्टर ब्रिगेडियर सतिन्द्र सिंह औलख ने कहा कि कुंवर विक्की की सेवाएं प्रेरणास्रोत्र हैं। णणतंत्र दिवस पर हो चुके हैं स्टेट आवार्ड से सम्मानित
इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर गुरदासपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यातिथि राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर द्वारा कुंवर विक्की को स्टेट आवार्ड से सम्मानित करते उनका मनोबल बढ़ाया था। विदेश से भी मिल चुका है प्राईड ऑफ इंडिया का सम्मान
कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की दिन रात शहीदों व उनके परिजनों के मान सम्मान की बहाली के लिए निरन्तर संघर्ष करते हुए अपने परिवार तक को तवज्जो नहीं देते। यूं तो उन्हें उनके अद्वितीय प्रयासों के लिए कई बार प्रशासनिक अधिकारियों व सरकारों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है परन्तु उन्हें वैश्विक स्तर पर भी उनको सम्मान मिला है। कुंवर विक्की को कैनेडा के वैनस्कोए निवासी जैसन पीटर ने उनके कार्यो से प्रभावित होकर उन्हें प्राइड आफ इंडिया की उपाधि देते दी गई।