खराब गेहूं बाटने का आयोग ने लिया नोटिस
डिपो के माध्यम से मिलने वाली गेहूं खाने योग्य नहीं है।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : डिपो के माध्यम से मिलने वाली गेहूं खाने योग्य नहीं है। इसे लेकर पंजाब राज्य एससी आयोग के पास पहुंचीं शिकायतों ने खुराक सप्लाई विभाग की कारगुजारी पर सवालिया निशान लगा दिया है।
पंजाब राज्य एससी कमिशन के सदस्य डा. तरसेम सिंह सियालका ने बताया कि राज्य के विभिन्न ब्लाकों से मिली शिकायतों में यह पुष्टि हुई है कि सस्ते भाव में लोगों को बेची जा रही गेहूं खाने योग्य नहीं है। लेकिन इंस्पेक्टर खुराक सप्लाई विभाग व सरकारी अमले ने लोगों को खराब गेहूं देकर उनके जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि खराब गेहूं को बांटने से पहले किस खेती विशेषज्ञ या मेडिकल टीम की ओर से गेहूं बाटने संबंधी एनओसी जारी की गई है, कमिशन द्वारा इस मामले को भी खंगाला जाएगा। खुराक सप्लाई विभाग के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कमजोर व गरीब वर्ग के लोगों तक पहुंचने वाली गेहूं आखिर नुकसानदेह कैसे साबित हो रही है। एक सवाल के जवाब में आयोग के सदस्य ने कहा कि इस गेहूं की बिक्री के लिए एनओसी देने वाली फर्म व टीम सदस्य भी जांच के घेरे में लाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि खराब गेहूं की हो रही सप्लाई का मामला पंजाब सरकार के खुराक सप्लाई विभाग के मंत्री भारत भूषण आशु के ध्यान में भी लाया जाएगा।