पेंशनभोगियों की मुश्किलें हुई आसान, जीवन प्रमाण 2.0 सुविधा लागू
पेंशन पाने वाले लोगों की मुश्किलों को आसान करने के लिए केंद्र सरकार ने जीवन प्रमाण 2.0 की सुविधा पोस्ट आफिस में शुरू की है।
राजिदर कुमार, गुरदासपुर : पेंशन पाने वाले लोगों की मुश्किलों को आसान करने के लिए केंद्र सरकार ने जीवन प्रमाण 2.0 की सुविधा पोस्ट आफिस में शुरू की है। इसके जरिये जीवन प्रमाण पत्र (डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट) को पेंशनभोगियों के आधार कार्ड से जोड़ दिया जाएगा। इस प्रक्रिया से वे घर बैठे ही यह प्रमाणित कर सकते हैं कि वे जिंदा हैं और उनकी मासिक पेंशन आती रहेगी।
गौरतलब है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन आय का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। यह जीवन के इस पड़ाव में उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर उनकी जरूरतें पूरी करने में और आपातकालीन परिस्थितियों में सहायता करती है। पेंशनभोगियों को सेवानिवृत्ति के बाद बैंक जैसे अधिकृत पेंशन संवितरण एजेंसी में अपना जीवन प्रमाण-पत्र जमा कराना पड़ता है, जिसके बाद ही उन्हें पेंशन दी जाती है। जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए पेंशनभोगी को अधिकृत पेंशन संवितरण एजेंसी में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना पड़ता है। जिस कार्यालय में वह काम करते थे, वहां के प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया जीवन प्रमाण-पत्र संवितरण एजेंसी को उपलब्ध कराना पड़ता है। पेंशन प्राप्त करने के लिए संवितरण एजेंसी में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना और जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करना ही पेंशनभोगियों के लिए सबसे बड़ी समस्या है। जीवन प्रमाण 2.0 की सुविधा पोस्ट आफिस में मिलने के चलते पेंशनभोगियों को काफी लाभ मिलेगा। यह सुविधा एक नवंबर से शुरू की गई है। कैसे पा सकते हैं डिजिटल सर्टिफिकेट
पोस्ट आफिस के सीनियर सुपरिटेंडेंट प्रकाश सिंह ने बताया कि डिजिटल सर्टिफिकेट पाने के लिए पेंशनरों को एक खास प्रमाण आइडी बनानी होगी। यह विशिष्ठ आइडी होती है। यानी हर एक पेंशनर के लिए यह अलग-अलग होती है। पेंशनर इसे अपने आधार नंबर और बायोमीट्रिक्स का इस्तेमाल करके बना सकते हैं। पहली बार इस आईडी को जनरेट करने के लिए पेंशनर स्थानीय सिटीजन सर्विस सेंटर जा सकते हैं। यह है प्रक्रिया
इस प्रक्रिया में पेंशन पाने वाले व्यक्ति के आधार नंबर को ईमेल से जोड़ा जाता है। इससे उन्हें आधार केंद्र भी नहीं जाना पड़ता। उन्हें बस ईमेल पर आथेंटिफिकेशन स्टेटमेंट भेजना पड़ता है। साल 2014 में शुरू हुआ था लाइफ सर्टिफिकेट
साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीवन प्रमाण (लाइफ सर्टिफिकेट) के पहले वर्जन को लांच किया था। इसमें पेंशन पाने वाले व्यक्ति को बैंक की जगह आधार केंद्र से जोड़ा गया था। आधार केंद्र जाकर प्रमाण पत्र देने की वजह से पेंशन पाने वाले लोगों की समस्या ठीक नहीं हुई। अब नए तरीके में उन्हें कहीं जाने की औपचारिकता की जरूरत नहीं रह गई है। पोस्ट आफिस के सीनियर सुपरिटेंडेंट प्रकाश सिंह ने बताया कि आधार नंबर धारक को यह अधिकार होगा कि वह अपने आथेंटिफिकेशन रिकार्ड को ऑनलाइन चेक कर सकें।