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बटाला चीनी मिल में पिराई सीजन की शुरुआत

पंजाब की चर्चित सहकारी चीनी मिल (बटाला) में पिराई सीजन की मंगलवार को शुरुआत हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 07:27 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 07:27 PM (IST)
बटाला चीनी मिल में पिराई सीजन की शुरुआत
बटाला चीनी मिल में पिराई सीजन की शुरुआत

जागरण टीम, बटाला : पंजाब की चर्चित सहकारी चीनी मिल (बटाला) में पिराई सीजन की मंगलवार को शुरुआत हो गई है। पिराई की शुरुआत ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, कादियां के विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा और विधायक बलविंदर सिंह लाडी ने संयुक्त तौर पर की। इस उपलक्ष्य पर पूर्व राजसभा सदस्य और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिदर सिंह मान, सहकारी चीनी मिल (बटाला) के बोर्ड आफ डायरेक्टर के चेयरमैन सुखविंदर सिंह काहलों, जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन डा. सतनाम सिंह निझ्झर, एसएसपी रछपाल सिंह, एसडीएम बलविंदर सिंह, अवतार सिंह बिजलीवाल के अलावा बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।

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मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि सहकारी चीनी मिल किसान की रीढ़ की हड्डी है। किसानों को खुशहाल करने में इनका अहम रोल है। उन्होंने कहा कि 2021 के पहले हफ्ते बटाला चीनी मिल के अपग्रेडेशन का नींव पत्थर रखा जाएगा। मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से तीन सौ करोड़ रुपये की लागत के साथ राज्य की दूसरी सबसे पुरानी बटाला शुगर मिल की 3400 टीसीडी की क्षमता बढ़ाकर चार हजार टीसीडी की जाएगी। मिल के विस्तार की शुरुआत अगले साल जनवरी माह के पहले हफ्ते से शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहाकि इस नए प्लांट से फारमा और रिफाइंड शुगर तैयार की जाएगी। मिल के चेयरमैन सुखविंदर सिंह काहलों ने सभी का धन्यवाद किया। इस मौके पर बटाला मिल में सबसे पहले गन्ने की ट्रालियां लेकर आने वाले पांच किसानों में हरपाल सिंह शेरपुर, धन्ना सिंह गांव खानफत्ता, महाबीर सिंह आलोवाल, रवेल सिंह किला लाल सिंह और अतिंदर सिंह मनोहरपुर को सम्मानित किया। 90 दिन के भीतर होगी गन्ना किसानों की अदायगी

पंजाब सरकार की तरफ से अगले 90 दिनों में किसानों की पिछले वर्ष की गन्ना पेमेंट की अदायगी कर दी जाएगी। मंत्री रंधावा ने कहा कि सूबा सरकार की तरफ से कलानौर में गन्ना खोज केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जहां गन्ने की नई किस्मों की खोज की जाएगी, जो झाड़ पक्ष से किसानों और रिकवरी पक्ष से मिल के लिए बढि़या होगी।


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