सड़क हादसे में पांच मौतों से तीन गांवों में छाया मातम
नेशनल हाईवे गुरदासपुर-कलानौर 354 पर पड़ते अड्डा खोखर के पास वीरवार की देर शाम को आल्टो कार और टिप्पर के बीचे हुए टक्कर में पांच लोगों की मौतें हो गई थीं।
संवाद सहयोगी, कलानौर : नेशनल हाईवे गुरदासपुर-कलानौर 354 पर पड़ते अड्डा खोखर के पास वीरवार की देर शाम को आल्टो कार और टिप्पर के बीचे हुए टक्कर में पांच लोगों की मौतें हो गई थीं। शुक्रवार को मृतकों के शव उनके तीन गांवों में पहुंचने पर मातम छा गया। इस दर्दनाक हादसे से मसीह भाईचारा शोक में डूबा हुआ है।
गौरतलब है कि वीरवार देर शाम को ब्लाक कलानौर के अधीन आते गांव सर्जेचक्क के नामवर मसीह भाईचारे के तेजा परिवार से संबंधित बिक्रम मसीह पुत्र सादिक मसीह अपने दोस्त गुरनाम सिंह निवासी शक्करी की आल्टो कार पर दवाई लेकर गुरदासपुर से लौट रहे थे। मगर अड्डा खोखर के पास मोपेड सवार महिला को बचाते समय वे सामने से आ रही टिप्पर के साथ टकरा गए थे। इससे कार चला रहे बिक्रम मसीह तेजा, उनका दोस्त गुरनाम सिंह की पत्नी संदीप, उसकी बहन मनजीत, रिपी व उसकी तीन साल की बेटी कैली की मौत हो गई। शुक्रवार को पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिनजनों को सौंप दिए। प्रापर्टी डीलर था बिक्रम मसीह
बिक्रम मसीह अपने गांव सर्जेचक्क से कलानौर की बाबा कार कालोनी में अपनी रिहायश बनाकर प्रापर्टी डीलर का काम करता था। उसके शव को गांव के कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया है। बता दें कि बिक्रम मसीह तेजा चार भाइयों का पांचवां होनहार व लाडला भाई था। बिक्रम मसीह अपने पीछे चार साल के बेटी कृष्टिी को छोड़ गया है। मां की कब्र के साथ बेटी-दोहती को किया सुपुर्द-ए-खाक
दोहती के लिए दवाई लेने गए भयानक हादसे में जान गंवा चुकी नानी मनजीत (55) व उसकी बेटी रिम्पी (30) व दोहती कैलिन (33) के शवों को पोस्टमार्टम करवाने के बाद गांव शिकार माछिया में ले जाया गया। नानी, बेटी व दोहती के शव गांव पहुंचने पर गांव में शोक की लहर फैल गई। बुजुर्ग से लेकर बच्चों की आंखें उस समय नम हो गई, जब नानी मनजीत की कब्र के साथ ही खोदी कब्र में बेटी रिम्पी व उसकी मासूम बेटी कैलिन को इकट्ठे ही एक ताबूत में डालकर सुपुर्द-ए-खाक किया गया। बता दें कि रिम्पी व उसकी बेटी पिछले समय से अपने मायके गांव रह रही थी। एक बेटा और बेटी को छोड़ गई संदीप
इस हादसे में मारी गई संदीप पत्नी मा. गुरनाम सिंह निवासी शक्कर के शव को भी गांव में दफनाया गया। संदीप अपने पीछे एक बेटी व बेटे को छोड़ गई है।