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हैवी व्हीकल चलाने के लिए आरटीए आफिस ने एक साल में जारी किए 1120 ड्राइविग लाइसेंस

कोरोना वायरस की वजह से जहां एक तरफ हर वर्ग से संबंधित लोग बेरोजगार हो गए थे। वहीं लाकडाउन खुलने के साथ ही ट्रक बस व बड़ी गाड़ियों को चलाने के लिए ड्राइवरों की जरूरत पड़ने लगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 10:00 AM (IST)
हैवी व्हीकल चलाने के लिए आरटीए आफिस ने एक साल में जारी किए 1120 ड्राइविग लाइसेंस
हैवी व्हीकल चलाने के लिए आरटीए आफिस ने एक साल में जारी किए 1120 ड्राइविग लाइसेंस

बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर : कोरोना वायरस की वजह से जहां एक तरफ हर वर्ग से संबंधित लोग बेरोजगार हो गए थे। वहीं लाकडाउन खुलने के साथ ही ट्रक बस व बड़ी गाड़ियों को चलाने के लिए ड्राइवरों की जरूरत पड़ने लगी। इसके चलते गुरदासपुर जिले में 1120 लोगों ने एक साल में हैवी ड्राइविग लाइसेंस बनवाए। विभाग के मुताबिक 2020 में जैसे ही लाकडाउन खुला तो हैवी लाइसेंस बनवाने वाले युवाओं में इसका क्रेज देखने को मिला। दरअसल गुरदासपुर से हैवी लाइसेंस प्राप्त कर के युवा वर्ग से संबंधित लोग भारत के अन्य जिलों में कंपनियों के साथ जुड़कर नौकरी कर रहे हैं। जबकि ड्राइविग लाइसेंस के लिए आए हुए सभी आवेदनकर्ताओं को विभाग की ओर से लाइसेंस जारी किए गए हैं।

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गौरतलब है कि बड़ी गाड़ियां ट्रक, बस, ट्राला आदि चलाने के लिए हैवी लाइसेंस की आवश्यकता रहती है। सूचना के अधिकार एक्ट क तहत ली गई जानकारी में विभाग ने बताया कि उन्होंने एक साल में 1120 लोगों को हैवी लाइसेंस जारी किए हैं जबकि 2021 में दो महीनों के अंदर करीब 300 लोगों को ड्राइविग लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं। विभागीय अधिकारी अनिल कुमार का कहना है कि भले ही कोविड-19 लगातार चल रहा है लेकिन जैसे ही सरकारों की तरफ से इसमें थोड़ी छूट दी गई है उसके तुरंत बाद नौकरीपेशा लोग ड्राइविग लाइसेंस बनाने के लिए कार्यालय में पहुंच रहे हैं। हैवी लाइसेंस के लिए करना पड़ता है टेस्ट पास

सूचना के अधिकार एक्ट तहत दी गई जानकारी के मुताबिक विभाग ने बताया है कि हैवी लाइसेंस बनाने के लिए उपभोक्ता को मुक्तसर के महुआना और होशियारपुर में ट्रेनिंग टेस्ट पास कर के हैवी लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया आरंभ की जाती है। सबसे पहले आवेदनकर्ता को इस ट्रेनिंग सेंटर में जाकर ट्रेनिंग देनी पड़ती है और कुछ सवालों के जवाब देने पड़ते हैं जिसे देने के बाद उपभोक्ता को सर्टिफिकेट इश्यू किया जाता है। बाद में विभाग इस व्यक्ति को ड्राइविग लाइसेंस बनाकर देता है। एक साल में लाइसेंस के कटे 470 चालान

पुलिस विभाग की ओर से एक साल में ड्राइविग लाइसेंस ना होने वाले लोगों के 470 चालान काटे गए हैं। वर्ष 2020 में इन चालानों की संख्या इसलिए कम रही क्योंकि कोविड-19 के कारण पुलिस ने लोगों पर सख्ती कम की है। विभाग से संबंधित क्लर्क गुरनाम कुमार का कहना है कि यह लोगों के पास ड्राइविग लाइसेंस मौके पर नहीं होता था दस्तावेज घर होने के कारण अगर पेशी के दौरान फोटोकापी या फिर ओरिजिनल लाइसेंस विभाग को दिखा दे तो ऐसे लोगों को जुर्माना कम कर दिया जाता है। लाइसेंस के लिए प्रक्रिया आनलाइन

परिवहन विभाग की ओर से ड्राइविग लाइसेंस की प्रक्रिया को आसान कर दिया गया है। परिवहन डाटकाम पर जाकर लाइसेंस रजिस्ट्रेशन अभी नाम से दो फार्मेट बने हुए हैं। अगर किसी को लाइसेंस से संबंधित काम है तो वह लाइसेंस पर जाकर अपना फार्म भर सकता है और अगर किसी को रजिस्ट्रेशन से संबंधित काम है तो वह रजिस्ट्रेशन की आप्शन खोलकर उसमें अपना काम कर सकता है। कोट्स

हैवी लाइसेंस बनाने वाले लोग रोजगार के लिए इस लाइसेंस को बनाते हैं इस लाइसेंस के बनने के बाद कोई भी व्यक्ति बड़ी गाड़ी चला सकता है और अपने परिवार का पालन पोषण आसानी से कर सकता है।

-बलदेव रंधावा, रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी।


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