16 हजार से अधिक युवाओं को दिलाई मुफ्त ट्रेनिंग, 1900 को रोजगार
डीसी कार्यालय से 2004 में बतौर पीए सेवानिवृत्त हुए रोमेश महाजन सामाजिक सद्भावना के मिसाल बने हुए हैं।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : डीसी कार्यालय से 2004 में बतौर पीए सेवानिवृत्त हुए रोमेश महाजन सामाजिक सद्भावना के मिसाल बने हुए हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद से वे समाज के बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटे हुए हैं। इनमें कमजोर और निर्धन वर्ग के युवा भी शामिल हैं। समाज सेवा के सफर के दौरान रोमेश महाजन ने 16 हजार से अधिक युवाओं को मुफ्त ट्रेनिंग दिलाकर 1900 युवाओं को विभिन्न विभागों में नौकरियां व कारोबार खुलवाकर आत्मनिर्भर बनाया। महाजन अपनी इस कार्य में अभी भी दिन रात जुटे हुए हैं। इसके लिए वे 18 बार गवर्नर और एक बार यूके सरकार से सम्मानित हो चुके हैं।
रोमेश महाजन ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत के दौरान बताया कि डीसी कार्यालय से बतौर पीए सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने समाज सेवा को अपनी जीवन का ल्क्ष्य बना लिया। उन्होंने रेडक्रास नशा छुड़ाओ केंद्र में सेवा करनी शुरू कर दी। रेडक्रास की ओर से उन्हें सात हजार रुपये महीना वेतन दिया जाने लगा, जो अब बढ़कर 15 हजार रुपये हो चुका है। उन्होंने शुरू से ही अपना वेतन रेडक्रास नशा छुड़ाओ केंद्र को दान कर दिया। पिछले 15 साल से रोमेश महाजन अपनी जेब से खर्च कर नशे के आदी युवाओं का नशा भी छुड़ा रहे हैं। महीने में दो बार लगाते हैं ट्रेनिंग कैंप
रोमेश महाजन ने बताया कि रेडक्रास नशा छुड़ाओ केंद्र में आने वाले युवाओं के अच्छे भविष्य के लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं। वे सेंटर में आठ महीने में दो बार ट्रेनिग कैंप लगाते हैं। सरकारी विभागों द्वारा 15 दिन के बाद सेंटर में कैंप लगाया जाता है और विभिन्न कोर्सों संबंधी ट्रेनिग दी जाती है। इनमें से 1050 लोगों को रोजगार भी मिल चुके हैं। विभिन्न विभागों में युवाओं की करवाई प्लेसमेंट
रोमेश महाजन ने बताया कि वे जिला चाइल्ड लाइन के सचिव के रूप में भी काम कर रहे हैं, जहां पर अब तक वे 22 हजार युवाओं को मुफ्त ट्रेनिग दिला चुके हैं। इनमें से 850 युवाओं को विभिन्न विभागों में प्लेसमेंट भी करवाई जा चुकी है। 18 बार गवर्नर से हुए सम्मानित
रोमेश महाजन ने बताया कि उनकी समाज सेवा के प्रति सेवाओं के चलते अब तक उन्हें 18 बार गर्वनर की और से सम्मानित किया जा चुका है। जबकि 2017 में उन्हें राष्ट्रपति की ओर से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा यूके सरकार की ओर से 2015 में सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा कि समाज सेवा करने से उनके मन को शांति मिलती है।