शहीद मनिदर सिंह को दी श्रद्धांजलि
जम्मू कश्मीर के ग्लेशियर सेक्टर में शहादत का जाम पीने वाले सेना की तीन पंजाब रेजीमेंट के सेना मेडल विजेता नायक मनिदर सिंह का दूसरा श्रद्धांजलि समारोह शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिदर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
संवाद सहयोगी, बटाला : जम्मू कश्मीर के ग्लेशियर सेक्टर में शहादत का जाम पीने वाले सेना की तीन पंजाब रेजीमेंट के सेना मेडल विजेता नायक मनिदर सिंह का दूसरा श्रद्धांजलि समारोह शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिदर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इसमें शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की पत्नी नायब तहसीलदार अकविदर कौर, बेटा एकमजोत सिंह, ससुर जगतार सिंह, शहीद की यूनिट के सूबेदार रविंदर कुमार व नायब सूबेदार जसबीर सिंह, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के फील्ड अफसर साहब सिंह, शहीद मनिदर सिंह यूथ क्लब के प्रधान युगराज सिंह, शहीद फायरमैन चमन लाल अशोक चक्र की पत्नी आशा रानी, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, शहीद लांसनायक संदीप सिंह शौर्य चक्र के पिता जगदेव सिंह, शहीद सिपाही जतिदर कुमार के पिता राजेश कुमार आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
सर्वप्रथम श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डालते हुए रागी जत्थे द्वारा वैरागमयी कीर्तन कर शहीद को नमन किया गया। इसके बाद मुख्य अतिथि व अन्य मेहमानों ने शहीद के चित्र समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि समारोह का आगाज किया गया। मुख्यातिथि कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की ने कहा कि पंजाब गुरुओं, पीरों और शूरवीरों की धरती है। इसकी बलिदानी मिट्टी के कण-कण में शहादत का जज्बा है। उन्होंने कहा कि शहीद नायक मनिदर सिंह एक बहादुर कमांडो थे। उन्होंने 29 वर्ष की अल्पायु में राष्ट्र की सुरक्षा हेतु अपना बलिदान देकर अपना सैन्य धर्म निभाया। उनके पिता नायक सुखदेव सिंह ने भी 1992 में देशहित में दुश्मन से लड़ते हुए अपनी शहादत दे दी थी। इसी बलिदानी पिता से मनिदर में भी वतन पर कुर्बान होने का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ था। असहनीय होता है शहादत का दर्द : कैप्टन जोगिदर
शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिदर सिंह ने कहा कि शहादत का दर्द असहनीय होता है तथा इस दर्द को शहीदों के परिजन भली भांति महसूस कर सकते हैं। उन्होंने खुद अपना बेटा देश की बलिवेदी पर कुर्बान किया है। वे अच्छी तरह जानते हैं कि अपनों को खोने का दुख क्या होता है। पिता की शहादत को बेटे ने किया सेल्यूट, कहा-मैं भी बनूंगा फौजी
समारोह में शामिल हर आंख उस समय नम हो उठी, जब शहीद पिता मनिदर को सैल्यूट करते हुए उनके 7 साल के बेटे एकमजोत ने कहा कि मुझे अपनी पापा की शहादत पर गर्व है। मैं भी उनकी तरह बहादुर फौजी बनकर उनके सपनों को साकार कर देश की सेवा करूंगा। शहीद की यूनिट के नायब सूबेदार जसबीर सिंह ने कहा कि नायक मनिदर सिंह की शहादत ने उनकी यूनिट के गौरव को बढ़ाया है। हमारे जवान हमेशा उनके बलिदान से प्रेरणा लेते रहेंगे। मुख्यातिथि की ओर से शहीद के परिजनों सहित दस अन्य शहीद परिवारों को स्मृति चिन्ह व आठ खिलाड़ियों को ट्रैक सूट भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर सरपंच प्रितपाल सिंह, सूबेदार अमरजीत सिंह, हवलदार सुखप्रीत सिंह, हवलदार जतिदर पाल सिंह, गगनदीप सिंह, अजय पाल सिंह, गुरदीप चंद आदि उपस्थित थे।