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Kartarpur corridor inauguration: PM Modi ने पूरी की 72 साल की साध, किया करतारपुर कॉरिडाेर का शुभारंभ

Kartarpur corridor inauguration पीएम नरेंद्र मोदी ने करतारपुर कॉरिडोर के चेकपोस्‍ट का उद्धाटन कर दिया है। उन्‍होंने इसके साथ ही पहले जत्‍थे को करतारपुर साहिब रवाना किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 10:25 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 03:23 PM (IST)
Kartarpur corridor inauguration: PM Modi ने पूरी की 72 साल की साध, किया करतारपुर कॉरिडाेर का शुभारंभ
Kartarpur corridor inauguration: PM Modi ने पूरी की 72 साल की साध, किया करतारपुर कॉरिडाेर का शुभारंभ

डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर), जेएनएन/एएनआइ। Kartarpur corridor inauguration Updates PM नरेंद्र मोदी ने करतापुर कॉरिडोर के चेकपोस्‍ट का शुभारंभ कर दिया है। इसके साथ ही उन्‍होंने पंजाब के पहले जत्‍थे को पाकिस्‍तान स्थित श्री करतारपुर कॉरिडोर के लिए रवाना किया।  इससे सिखों की 72 साल पुरानी उम्‍मीद पूरी हो गई। जत्‍थे में पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिं‍ह, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी शामिल हैं। इस जत्‍थे में 550 लाेग शामिल हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करतारपुर कॉरिडोर के इंटिग्रेटेड चेकपोस्‍ट का शुभारंभ किया। इसके बाद उन्‍होंने 550 लोगों के पहले जत्थे को श्री करतारपुर साहिब के लिए रवाना किया। जत्थे का नेतृत्व श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह कर रहे हैं। मोदी ने झंडा दिखानेे के बाद पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से गर्मजोशी से मुलाकात की। हाथ जोड़कर प्रणाम किया। उन्होंने जत्थे में शामिल लोगों से एक-एक कर मुलाकात की।

इससे पहले उन्‍होंने समारोह में कहा कि भारत का अहित करने वाली ताकतों से सतर्क रहें। आज ऐतिहासिक मौका है। गुरु नानकदेव की शिक्षा और सिख इतिहास व साहित्‍य को बढ़ावा देने के कई कदम उठाए गए हैं। कॉरिडोर के शुरू हाेने से सिखाें की मुराद पूरी हुई है। उन्‍होंने गुरु श्री नानकदेव की शिक्षाओं का उल्‍लेख किया। वह थोड़ी देर में यहां करतारपुर कॉरिडोर के इंटरग्रेटेड चेकपोस्‍ट का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले वह इस अवसर पर आयोजित अरदास में शामिल हुए।

पीएम ने जमीन पर बैठकर लंगर भी चखा, समारोह में कहा- देश का अहित करनेवालों से रहें सतर्क

प्रधानमंत्री ने समाराेह काे संबोधित करने के बाद लंगर चखा। उनके साथ पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल सहित अन्‍य नेताओं ने भी लंगर चखा। इसके बाद प्रधानमंत्री डेरा बाबा नानक में रैली स्थल से कॉरिडोर (पैसेंजर टर्मिनल) के उद्घाटन के लिए पहुंचे।

पीएम ने कहा कि देश के लिए बलिदान होने वाले वालों के लिए भी केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं। गुरु नानक जी कहा करते थे संसार में सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है। आइए संकल्प लें कि भारत का अहित करने वाली ताकतों से सतर्क रहेंगे। गुरु नानक जी की प्रेरणा आज भी प्रासंगिक है। एक बार फिर गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर कॉरिडोर की बहुत बहुत बधाई। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के सामने इस पवित्र कार्य का अवसर मिला, इसके लिए मैं धन्य महसूस करता हूं। आप सभी को धन्यवाद।

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का भी जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि उनकी स्मृति व उनका संदेश अमर रहे। श्री गुरु नानक देव जी और खालसा पंथ की रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटेन, कनाडा में चेयर की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी के संदेशों से नई पीढ़ी का साक्षात्कार हो, इसके लिए कई कार्य व प्रयास चल रहे हैं। कुछ कार्य पूरे हो चुके हैं या फिर पूरे होने वाले हैं। गुरु नानक देव जी से जुड़े स्थानों के लिए एक विशेष ट्रेन भी चलाई जा रही है। सिखों के पांचों तख्तों के लिए ट्रेन व विमान सेवा पर विशेष जोर दिया गया है। केंद्र ने सरकार एक और अहम फैसला लिया है जिसका लाभ दुनिया भर में बसे सिख परिवारों को हुआ है। इससे भारत आकर उन्हें अरदास करने में आसानी होगी। 

उन्‍होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से जम्मू-कश्मीर में भी सिख परिवारों को वे अधिकार मिल पाएंगे जो वहां के लोगों को मिलते थे। भारत की एकता को लेकर गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोबिंद सिंह जी तक ने जीवन समर्पित किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर खुलने के बाद गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन आसान हो जाएंगे। पीएम ने कहा कि वह करतारपुर साहिब दर्शन के लिए रास्ता खोलने को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का आभार व धन्यवाद करते हैं। वह भारत व पाकिस्तान के श्रमिकों का भी आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने रात-दिन लगकर कॉरिडोर का कार्य पूरा किया।

पीएम ने कहा कि गुरुदेव ने पानी को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि पानी को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि पानी से सारी सृष्टि को जीवन मिलता है। आज हम प्रकृति के प्रति लापरवाह हो गए हैं, लेकिन गुरु की बाणी बार-बार यही कह रही है कि वापस लौटो, उन संस्कारों की ओर लौटो जो प्रकृति ने हमें दिया है। बीते एक वर्ष से गुरु जी के 550वें प्रकाश पर्व के समारोह चल रहे हैं। पूरी दुनिया में भारतीय दूतावास व उच्चायोग कार्यक्रम कर रहे हैं। देश-विदेश में एक साल से कीर्तन, लंगर आदि की गुरु नानक देव जी की सीख का प्रचार किया जा रहा है।

पीएम ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने गुलामी के उस कठिन कालखंड में भारत की चेतना को जगाए रखने और बचाए रखने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने समाज को एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था की भेंट दी जो सच्चाई, ईमानदारी व आत्मसम्मान पर टिकी है। उन्होंने सीख दी कि धन तो आता-जाता रहेगा पर सच्चे मूल्य हमेशा रहते हैं। यदि हम अपने मूल्यों पर अडिग रहकर काम करते हैं तो समृद्धि स्थायी रहती है।

उन्होंने कहा कि करतारपुर के कण कण में गुरु नानक देव जी की वायु मिली हुई है। इसी धरती पर उन्होंने नाम जपो की विधि बताई। यहीं पर अपनी मेहनत से पैदा की गई फसल को मिल बांटकर खाने अर्थात वंड छको का मंत्र दिया।

उन्‍होंने कहा कि यह कॉरिडोर हर दिन हजारों श्रद्धालुओं की सेवा करेगा। करतारपुर से मिली गुरु जी की बाणी की ऊर्जा हमें अर्थात हर भारतीयों को आशीर्वाद देगी। पीएम ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने सिखाया है कि बिना भेदभाव के जब हम सभी मिलकर काम करते हैं तो सफलता पक्की हो जाती है। करतारपुर में गुरु जी ने प्रकृति का महत्व बताया था। आज जब पानी के दोहन की बात होती है तो उनकी बाणी हमारे मार्गदर्शन का आधार बनती है।

इसके साथ ही उन्‍होंने कॉरिडोर का शुभारंभ कर सिखों को अनमाेल तोहफा देंगे। इसके बाद वह पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के लिए जब भारत से श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना करेंगे। समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को सिखों को ओर से कौमी सेवा अवार्ड प्रदान किया गया। मोदी ने केंद्र की और से गुरुनानक जी की याद में तैयार  550 रुपये का सिक्का जारी किया। उन्‍होंने पाचं डाक टिकट जारी भी जारी किए। इन डाक टिकटों पर पांच गुरुद्वारों की तस्वीर हैं।

पीएम मोदी को सिखों की ओर से कौमी सेवा अवार्ड भेंट किया गया

समारोह को अभी पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह संबोधित कर रहे हैं। उन्‍होंने इसे ऐतिहासिक अवसर करार दिया। उन्‍होंने कहा कि गुरु श्री नानकदेव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर सिखों को अनमोल तोहफा मिला है। उन्‍होंने कहा, मेरी इच्छा थी कि करतारपुर जाऊं। हम मोदी जी का शुक्रिया अदा करते हैं। उन्‍होंने सिखों के लिए बड़ा काम किया है। हम पाकिस्तान के साथ बैर नहीं प्यार चाहते हैं। इतिहास ने कुछ ऐसा किया कि आज भारत और पाकिेस्‍तान में खटास है। पाकिस्तान भी प्यार से अपना विकास करे।उन्‍होंने पाक को चेतावनी दी कि न कश्मीर में कोई उनकी चलेगी न ही पंजाब में। पंजाबियों ने चूडियां नहीं पहनी है।

समारोह को पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी संबोधित किया। बादल ने पीएम और सीएम से कहा कि इस ऐतिहासिक स्थान में आने वाली सभी रोड बनवाई जाए, ताकि इसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाया जा सके।

कॉरिडोर के उद्घाटन से 72 सालों से की जा रही सिखों की अरदास पूरी हो गई है। श्री गुरु नानक देव जी से जुड़े गुरुधाम के दर्शन कर उनकी आंखें निहाल हो सकेंगी। उनकी यह अरदास 550वें प्रकाश पर्व पर सुन ली गई है। दूसरी ओर, पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्‍तान में वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा उद्घाटन के मौके पर मौजूद रहने के लिए कॉरिडाेर के रास्‍ते रवाना हो गए।

कॉरिडाेर के उद्घाटन से पहले डेरा बाबा नानक में अरदास में शामिल हुए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेरा बाबा नानक में मुख्य पंडाल में अरदास में शामिल हुए।  उनके साथ में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल व सांसद सनी देयोल सहित कई नेता आदि भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में माथा टेका

इससे पहले वह सुल्‍तानपुर लोधी पहुंचे और वहां उन्‍होंने गुरुद्वारा श्री बेर स‍ाहिब में माथा टेका।गुरद्वारा श्री बेर साहिब में माथा टेकने के बाद प्रधानमंत्री मोदी वहां से डेरा बाबा नानक के लिए रवाना हो गए। प्रधानमंत्री गुरुद्वारा साहिब में करीब 11 मिनट रहे। 

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व  मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के साथ नानक की नगरी पहुंचे। कड़ी सुरक्षा व शानदार स्वागत के बीच चेहरे पर चिरपरिचत मुस्कराहट लिए प्रधानमंत्री ने सबसे पहले गुरुद्वारा श्री बार साहिब में माथा टेका और फिर बाबा के जप स्थान भौरा साहिब में जाकर अरदास कर आर्शीवाद लिया।

इसके उपरांत उन्होंने बाबा नानक के हाथों से लगे बेरी के वृक्ष को नमस्कार करते हुए संगत को हाथ जोड़ कर प्रकासोत्सव की बधाई दी। इस दौरान प्रधानमंत्री को एसजीपीसी प्रधान गोबिंद सिंह लोगोवाल, पूर्व प्रधान बीबी जागीर कौर द्वारा सिरोपा व किरपान भेंट कर सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर भी मौजूद थे।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमृतसर के गुरु रामदास अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। मोदी यहां से सुल्‍तानपुर लोधी के लिए रवाना हुए। सुल्‍तानपुर लोधी में गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में नतमस्‍तक होने के बाद वह श्री करतारपुर साहिब के लिए हुए रवाना। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व पंजाब के राज्यपाल बीपी बदनोर ने उनका स्वागत किया।

अमृतसर हवाई अड्डे पर पीएम नरेंद्र मोदी का स्‍वागत करते वीपी बदनौर और कैप्‍टन अमरिंदर सिंह।

पीएम के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा चाक चौबंद रही। गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में पीएम के स्वागत में एसजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जागीर कौर और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला सहित कई नेता भी मौजूद रहे। यहां काफी श्रद्धालु की सुबह से दर्शन कर रहे हैं। पीएम के आगमन के कारण उनके दर्शन करने पर कोई राेक-टोक नहीं थी।

1947 में भारत-पाक बंटवारे के बाद श्री ननकाना साहिब, श्री पंजा साहिब और श्री करतारपुर साहिब जैसे कई ऐतिहासिक गुरुद्वारे पाकिस्तान में रह जाने के कारण इन पवित्र स्थानों के दीदार सिखों के लिए दुर्लभ हो गए थे। ऐसे में नितनेम के बाद सुबह-शाम की जाती अरदास में सिख पंथ ने इन पंक्तियों को जोड़ा- 'श्री ननकाना साहिब ते होर गुरुद्वारेयां, गुरुधामां दे, जिनां तों पंथ नूं विछोडय़ा गया है, खुले दर्शन दीदार ते सेवा संभाल दा दान खालसा जी नूं बख्शो।' इसका मतलब है- श्री ननकाना साहिब और बाकी गुरुद्वारे या गुरुधाम जो बंटवारे के चलते पाकिस्तान में रह गए उनके खुले दर्शन सिख कर सकें, यह प्रार्थना है। हर साल केवल तीन-चार मौकों पर ही दो-चार हजार लोगों को पाकिस्‍तान जाने की इजाजत थी।

वहीं, अरदास से उपरोक्त पंक्तियों को हटाने पर एसजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जगीर कौर कहती हैं, 'अरदास में कोई बदलाव नहीं होगा। यह विचार ही गलत है। यह विषय सिंह सहिबान के अधिकार क्षेत्र का है। अभी तो सैकड़ों गुरुद्वारे पाकिस्तान में हैं। यह अरदास लगातार जारी रहेगी।'

एसजीपीसी की धर्म प्रचार कमेटी के पूर्व सचिव बलविंदर सिंह जौड़ासिंघा व एसजीपीसी के प्रवक्ता कुलविंदर सिंह रमदास ने कहा कि श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने की अनुमति मिल गई है, लेकिन आज भी बहुत से धार्मिक स्थान हैं, जिनके आम सिख श्रद्धालु दीदार नहीं कर सकते। श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के बिना बदलाव नहीं हो सकता।

पाकिस्‍तान की पैंतरेबाजी

पाकिस्‍तान शुरू से ही कॉरिडोर को लेकर पैंतरेबाजी करता रहा है। पाक पीएम इमरान खान ने पहले जत्थे व प्रकाश पर्व पर प्रति श्रद्धालु 20 डॉलर फीस न लेने की बात कही थी, लेकिन अब पाक फिर से फीस लेने की बात पर अड़ गया है। पाक सेना पासपोर्ट को अनिवार्य बता रही है, जबकि इमरान का कहना है कि यह जरूरी नहीं है।

वहीं, करतारपुर में पाक ने बोर्ड लगाए हैं कि भारत ने 1971 के युद्ध में इस गुरुद्वारे को बम से गिराने की कोशिश की थी। दूसरी ओर पाक की ओर से जारी एक वीडियो में जरनैल सिंह भिंडरावाला की फोटो भी दिखाई गई। कॉरिडोर के नींव पत्थर समारोह में खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला को भी शामिल किया गया था।

24 अक्‍टूबर को दोनों देशों के बीच समझौते को दिया गया अंतिम रूप

डेरा बाबा नानक के निकट अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित जीरो-प्वॉइंट पर करतारपुर साहिब गलियारा तैयार करने के लिए भारत ने इसी साल 24 अक्टूबर को पाकिस्तान के साथ समझौता किया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश भर में और पूरी दुनिया में श्री गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक 550वें प्रकाश पर्व को भव्य रूप में मनाने के लिए 22 नवंबर, 2018 को प्रस्ताव पारित किया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण और विकास को मंजूरी दी थी, ताकि पूरे वर्ष गुरुद्वारा दरबार साहेब करतारपुर जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को सुविधा प्राप्त हो सके।

श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं-  

- डेरा बाबा नानक को अमृतसर-गुरदासपुर राजमार्ग से जोड़ने के लिए 120 करोड़ रुपये की लागत से चार लेन वाला 4.2 किलोमीटर लम्बा राजमार्ग बनाया गया है।

-15 एकड़ जमीन पर शानदार यात्री टर्मिनल भवन बनाया गया है, यह भवन पूरी तरह से वातानुकूलित है और इसका निर्माण हवाइअड्डे की तरह किया गया है। यहां 50 आव्रजन काउंटर हैं, जो प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को सेवा प्रदान करेंगे।

-मुख्य इमारत में शौचालय, सहायता केंद्र, बच्चों के लिए सुविधा, प्राथमिक उपचार सुविधा, प्रार्थना कक्ष, अल्पाहार काउंटर आदि मौजूद हैं।

-मजबूत सुरक्षा के लिए सीसीटीवी द्वारा निगरानी की व्यवस्था है तथा जन सूचना प्रणाली लगाई गई है।

- अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 300 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया है।

समझौते की मुख्य विशेषताएं –

- सभी धर्मों को मानने वाले भारतीय और भारतीय मूल के श्रद्धालु कॉरिडोर का उपयोग कर सकते हैं। यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है। श्रद्धालुओं के पास केवल वैधानिक पासपोर्ट होना चाहिए।

- भारतीय मूल के लोगों के लिए अपने देश के पासपोर्ट के साथ ओसीआई कार्ड रखना आवश्यक होगा। गलियारा सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहेगा। सुबह जाने वाले श्रद्धालुओं को उसी दिन वापस लौटना होगा। केवल अधिसूचित दिनों को छोड़कर गलियारा पूरे साल खुला रहेगा, जिसकी सूचना अग्रिम रूप से दे दी जाएगी।

- श्रद्धालुओं को अकेले या समूह में अथवा पैदल जाने की छूट होगी।

- यात्रा तिथि के 10 दिन पहले भारत श्रद्धालुओं की सूची पाकिस्तान को सौंपेगा। यात्रा तिथि के 4 दिन पहले श्रद्धालुओं को यात्रा की पुष्टि की सूचना प्राप्त हो जाएगी।

- पाकिस्तान पक्ष ने भारत को आश्वासन दिया है कि ‘लंगर’ और ‘प्रसाद’ का पर्याप्त प्रबंध किया जाएगा।

पंजीकरण के लिए पोर्टल

श्रद्धालुओं को अपने यात्रा के विषय में prakashpurb550.mha.gov.in पर पंजीकरण कराना होगा। यात्रा तिथि से 3 से 4 दिन पहले पंजीकरण की पुष्टि श्रद्धालु को एसएमएस और ई-मेल के जरिये कर दी जाएगी। इसके साथ ही इलेक्ट्रानिक ट्रेवल ऑथराइजेशन (ईटीए) भी तैयार हो जाएगा। श्रद्धालु को पासपोर्ट के साथ ईटीए ले जाना आवश्यक होगा।

सिद्धू पाकिस्‍तान रवाना

दूसरी ओर, पंजाब केे पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते पाकिस्तान के लिए रवाना सुबह रवाना हुए। वह करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद पाकिस्‍तान जाएंगे। वहां वह पाकिस्‍तान की ओर से कॉरिडोर के वहां से प्रधानमंत्री के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित समारोह में शामिल होंगे।

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