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एजेंटों के धोखे के शिकार हुए दो युवक पहुंचे वतन

एजेंटों के धोखे के शिकार हुए दो युवकों की दुबई से सुरक्षित वापसी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 07:05 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 07:05 PM (IST)
एजेंटों के धोखे के शिकार हुए दो युवक पहुंचे वतन
एजेंटों के धोखे के शिकार हुए दो युवक पहुंचे वतन

संवाद सहयोगी, बटाला : एजेंटों के धोखे के शिकार हुए दो युवकों की दुबई से सुरक्षित वापसी हुई है। दुबई के व्यवसायी और सरबत दा भला चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख डा. एसपी सिंह ओबेराय की मदद से दोनों युवा रविवार शाम को अपने देश पहुंचे।

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डा. एसपी सिंह ओबेराय ने बताया कि जिला गुरदासपुर के श्री हरगोबिदपुर का विपन कुमार एक एजेंट को 80 हजार रुपये देकर 28 जनवरी को दुबई में स्टील फीक्सर का काम करने के लिए गया था। इसी तरह लुधियाना शहर का 23 वर्षीय युवक मनजीत कुमार पुत्र क्रम चंद भी ऐजेंट को 80 हजार रुपये देकर 26 फरवरी को दुबई में पैकिग का काम करने के लिए गया था। लालची और धोखेबाज एजेंटों के शिकार हुए इन नौजवानों को ना ही बताई गई कंपनी में लगवाया गया और ना ही उनके बारे में जानकारी लेने की कोशिश की गई। इसके बाद ये दोनों वहां फंस गए। डा. ओबेराय ने कहा कि विपन कुमार ने अपनी दुर्दशा व्यक्त करते हुए उनको एक पत्र लिखा था। वहीं मनजीत कुमार ने लुधियाना के डीसी वरिदर शर्मा को संदेश भेजकर मदद मांगी थी। उन्होंने कहा कि डीसी वरिदर शर्मा के कहने पर सरबत दा भला चेरिटेबल ट्रस्ट ने मनजीत कुमार और विपन कुमार को भारतीय दूतावास की विशेष सहायता से दुबई से सुरक्षित वापस वतन भेज दिया है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट ने इन दोनों युवकों के ओवर सेट फाइन, आउट पास जारी करने, कोरोना टेस्ट, सभी इमिग्रेशन प्रक्रिया और वापसी हवाई टिकट के लिए भी भुगतान किया है।

डा. ओबेराय ने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण कई लोग लालची एजेंटों के शिकार हो जाते हैं। लोग अपनी मासूम बेटियों और बेटों को अरब देशों में नौकरी के लिए भेज देते हैं। लड़कों को फर्जी या डिफाल्ट कंपनियों में फंसाया जाता है, जबकि ज्यादातर लड़कियों को बेच दिया जाता है। जमींदार या अन्य व्यवसायी जो इन लड़कियों को अपने खर्च पर वैध करने के बाद अतिरिक्त काम लेते हैं। इससे कई लड़कियों की सेहत भी खराब हो जाती है। असहाय लड़कियों का वहां से निकलना काफी मुश्किल हो जाता है। डॉ. ओबेराय ने बताया कि उन्होंने अब तक अरब देशों में फंसे लगभग 30 लड़कियों और 500 से अधिक युवा लड़कों को कोरोना काल सहित विभिन्न समय में वापस वतन भेजा है।


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