शहर में नहीं कोई पार्क, कैसे हो बच्चों का शारीरिक विकास
किसी भी शहर में बच्चों के पूर्ण रूप से मानसिक विकास एवं बुजुर्गों के स्वास्थ्य को बरकरार रखने में सार्वजनिक पार्कों की अहम भूमिका होती है। हैरानी की बात तो यह है कि दीनानगर हलके में अभी तक कोई भी सार्वजनिक पार्क का निर्माण ही नहीं हो पाया।
शंकर श्रेष्ठ, दीनानगर : किसी भी शहर में बच्चों के पूर्ण रूप से मानसिक विकास एवं बुजुर्गों के स्वास्थ्य को बरकरार रखने में सार्वजनिक पार्कों की अहम भूमिका होती है। हैरानी की बात तो यह है कि दीनानगर हलके में अभी तक कोई भी सार्वजनिक पार्क का निर्माण ही नहीं हो पाया। इसके चलते शहर में अधिकतर बच्चों का पूर्ण रूप से शारीरिक विकास नहीं हो पा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर बुजुर्गों के लिए भी शरीर को तंदुरुस्त एवं स्वस्थ रखने के लिए सैर-सपाटे के लिए कोई विशेष स्थान ना होने के चलते वह भी अनेकों बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं। पिछले लंबे समय से शहर वासियों द्वारा सार्वजनिक पार्क बनाने की मांग की जा रही है। इसके बावजूद भी अभी तक शहरवासियों को कोई भी सार्वजनिक पार्क उपलब्ध नहीं हो पाया है ।
शहरवासी विनोद कुमार मदनलाल सुधीर शर्मा अवतार ¨सह संदीप ¨सह आदि ने संयुक्त रुप से बताया कि किसी भी शहर का विकास के लिए लोगों का स्वास्थ्य एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होना बेहद जरूरी होता है, लेकिन यह सभी शहर में सार्वजनिक पार्कों से संभव है । ऐसे में उन्हें कई और सद्गुणों का भी विकास होता है। जागरण द्वारा शहर के बुद्धिजीवियों से बातचीत करके लोगों ने शहर में जल्द से जल्द सार्वजनिक पार्क बनाए जाने की मांग को उठाया है।
शारीरिक रूप से तंदुरुस्त एवं स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं पार्क
अक्सर देखा गया है कि जिन शहरों में सार्वजनिक पार्क होते हैं ,वहां के लोग तंदुरुस्त एवं स्वस्थ होते हैं ।जिसका मुख्य कारण लोग सुबह व शाम के समय अक्सर शरीर को फिटफाट रखने के लिए पार्कों की ताजी हवा को खाते हैं। ऐसे में जहां उनका शरीर तंदुरुस्त रहता है तो वहीं वह कई भयानक बीमारियों की चपेट में आने से बचे रहते हैं। पार्कों की ताजी एवं शुद्ध हवा बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होती है क्योंकि यह शुद्ध हवा बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास दोनों के लिए लाभप्रद होती है।
बच्चों को मिलेगा खेलने का समय, हो सकेगा शारीरिक विकास
दीनानगर में सार्वजनिक पार्क ना होने के कारण बच्चों का शारीरिक विकास पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है, क्योंकि शहर के बच्चे पूरी तरह से खुलकर ना तो खेल पा रहे हैं वहीं दूसरी और इसका सीधा प्रभाव बच्चों पर सोशल मीडिया का पड़ रहा है ऐसे में बच्चों के लिए सार्वजनिक पार्क का बनाना समय की जरूरत है अगर शहर में बच्चों को सार्वजनिक पार्क मिल जाता है तो जहां बच्चों को सोशल मीडिया से राहत मिलेगी तो वही बच्चों का पूर्ण रुप से ग्रोथ भी हो सकेगा।
शहर में प्रदूषण होगा कम
पार्कों वाले स्थान पर अक्सर बढि़या पेड़-पौधे आदि रोपित किए जाते हैं यह पौधे ना केवल सैर सपाटा करने के लिए आने वाले लोगों के लिए सहायक होते हैं, जबकि शहर में बढ़ रहे प्रदूषण को भी नियंत्रित करने के लिए भी इनका विशेष योगदान होता है। शहर में पाक बनने के कारण निरंतर बढ़ रहे प्रदूषण स्तर पर भी लगाम लगेगी तो वही शहर के लोगों को प्रदूषण के कारण लग रही बीमारियों से भी निजात मिलेगी।
शहर की बढ़ेगी सुंदरता
सार्वजनिक पार्क शहर की सुंदरता को भी चाक-चौबंद करते हैं अक्सर देखा गया है कि महानगरों में सार्वजनिक पार्क को के कारण ही सुंदरता होती है। सार्वजनिक हरियाली एवं स्वच्छता का प्रतीक होते हैं ।यही कारण है कि चंडीगढ़ को एक ग्रीन सिटी के नाम से भी जाना जाता है । ऐसे में अगर दीनानगर में पाक को बना दिया जाता है तो लोगों को भी कुछ समय अपनी सेहत को सुधारने के लिए मिलेगा।