पिता की मौत से निखिल के जन्मदिन की खुशियां मातम में बदली
जहरीली शराब में अपनी जान गंवा चुके 32 साल के भूपिदर कुमार उर्फ कालू निवासी हाथी गेट के परिजनों की आंखों में केवल आंसू ही बचे हैं।
विनय कोछड़, बटाला (गुरदासपुर)
जहरीली शराब में अपनी जान गंवा चुके 32 साल के भूपिदर कुमार उर्फ कालू निवासी हाथी गेट के परिजनों की आंखों में केवल आंसू ही बचे हैं। कालू के इकलौते बेटे निखिल का दो दिन बाद सोमवार को दसवां जन्मदिन था। पापा ने लाडले बेटे को वायदा किया था कि इस बार वह उसे पैंट-शर्ट गिफ्ट में लेकर देंगे। साथ ही उस दिन केक भी काटा जाएगा। मगर ये सब खुशियां उस वक्त बिखर गई, जब बेटे के सामने वीरवार रात को जहरीली शराब पीने से उसके पिता की मौत हो गई।
निखिल तीसरी कक्षा का छात्र है तथा पढ़ाई में भी हर बार अच्छे नंबर लेकर उत्तीर्ण आता है। परिजनों के मुताबिक कालू मजदूरी का काम करता था। उसके कमाए पैसे से ही घर का गुजारा चलता था। अब उसकी मौत से उन्हें रोटी के लाले पड़ गए। हालांकि इस परिवार को संवेदना देने के लिए कई राजनीति पार्टी से संबंध रखने बड़े नेता पहुंचे। उन्हें ढांढस भी दिया गया, मगर परिजनों का कहना था कि जब खुलेआम अवैध शराब बेची जा रही थी, तब ये नेता लोग कहां थे। इनका काम तो केवल राजनीति करना है, लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना इनका पेशा है। निखिल इन सब लोगों को दुबकी हुई आंखों से देख रहा था। हर आधे घंटा बाद उसकी आंखू में आंसू शुरू हो जाते थे। परिवार चाहे उसे समझा तो जरूर रहा था, मगर क्या करें निखिल ने तो अपने पिता का साया खोया है। फिलहाल घर में मातम का माहौल था। निखिल ने पिछले दो दिन से खाना भी ठीक से नहीं खाया। मां और दादी उसे खाने के लिए लगातार कह रही थी। पापा हर चीज लेकर देते थे
निखिल ने बताया कि मेरे पापा इतने अच्छे थे कि उसे हर चीज लेकर देते थे। काम पर वह उसे दिन में दो-तीन बार फोनकर बातचीत करते थे कि उसका क्या हालचाल है। वैसे निखिल अपने माता-पिता का लाडला और इकलौता था। पापा की इच्छा थी कि वह बड़े होकर एक बड़ा अधिकारी बने। बुरे कामों से रहूंगा दूर
पिता की जहरीली शराब से मौत होने के बाद बेटे ने प्रण किया है कि वह हमेशा बुरे कार्यो से दूर रहेगा। जिस शराब ने उनके पिता की जान ली। खासकर उससे वह हमेशा ही दूर रहेगा। खूब पढ़-लिखकर अपने परिजनों की इच्छाओं को पूरा करेगा। पत्नी-मां की हर इच्छा पूरी करता था
बेटे निखिल ने बताया कि पापा मम्मा तथा दादी के साथ पूरा लगाव था। कुछ दिन पहले परिवार के सदस्यों ने निखिल के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने का प्लान बनाया था। क्योंकि निखिल के दूसरी कक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया। पिता के मन में खुशी थी। मगर अब खुशी का माहौल मातम में बदल चुका है। इंसाफ की मांग
परिवार ने सरकार तथा प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाते कहा कि जिन लोगों की वजह से उनकी जी की मौत हुइ है, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाइ हो। किसी सूरत में इन्हें बख्शा नही जाना चाहिए। आर्थिक मदद तथा एक परिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग की।