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कचरे का मार झेल रहा बटाला का 80 फीसद एरिया

ाहर का 80 फीसद इलाका कचरे की मार को झेल रहा है। कई जगह लगे कचरे के ढेरों से स्थानीय लोगों का जीना मुहाल हो चुका है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 03:26 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 03:26 PM (IST)
कचरे का मार झेल रहा बटाला का 80 फीसद एरिया
कचरे का मार झेल रहा बटाला का 80 फीसद एरिया

अजय भाटिया,बटाला : शहर का 80 फीसद इलाका कचरे की मार को झेल रहा है। कई जगह लगे कचरे के ढेरों से स्थानीय लोगों का जीना मुहाल हो चुका है। शहर के काजी मोरी मोहल्ले से तो कचरा उठाया ही नहीं जाता और इसके कारण लोग बीमार हो रहे हैं। कचरे से मच्छर पनप रहे है और दुर्गंध से लोगों का वहां से निकलना मुश्किल हो रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा दस साल से ज्यादा समय से कचरे की समस्या है। उन्होंने कहा, हैरानी इस बात की है इस वार्ड के पार्षद नगर-कौंसिल के अध्यक्ष नरेश महाजन रह चुकें है, इसके बावजूद यह हाल है। उन्हें कई बार समस्या से अवगत भी करवाया जा चुका है। लोगों ने कहा कि नगर-निगम को भी कई बार लिखित शिकायत की गई। वहां से सिर्फ उन्हें आश्वासन मिला, लेकिन समस्या का हल अब तक नहीं हुआ। अब नगर-निगम के खिलाफ लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द समस्या का निवारण नहीं किया गया तो वे आंदोलन शुरू करेगे।

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कचरे के कारण फैल रही बीमारियां : हरमन

स्थानीय निवासी हरमन बाजवा ने कहा कि यहां कचरे होने की वजह से बीमारियां फैल रही है। बच्चों तथा बुजुर्गों की सेहत पर खासतौर से इसका असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा कचरे को उठाया नहीं जाता। कई बार नगर निगम में शिकायत दर्ज करवाई पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बाजवा ने मांग की कि प्रशासन समस्या से जल्द छुटकारा दिलाए।

काजी मोरी में फेंका जाता है 20 इलाकों का कचरा : दिलीप

दिलीप सिंह ने कहा कि काजी मोरी में तकरीबन 20 जगह का कचरा इकट्ठा करके फेंका जाता है। कचरे का यहां पर डंप बन चुका है। इसपर पूर्ण विराम लगना चाहिए। प्रशासन इस समस्या की तरफ जल्द ध्यान दें नहीं तो लोगों को संघर्ष के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

आने-जाने वाले को होती है दिक्कत : राकेश

राकेश कुमार ने कहा कि यहां एकत्रित कचरे की वजह से आने जाने वालों को दिक्कत होती है। कई बार सड़क पर जाकर यह कचरा इकट्ठा हो जाता है।यह रास्ता एक बाबा मेशी की दरगाह की ओर जाता है जबकि दूसरा रास्ता जालंधर रोड बाईपास को जोड़ता है। कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

दुकानदारों को भी हो रहा नुकसान : बलविंदर

बलविदर कुमार ने कहा, तकरीबन 12 साल से इस कचरे की समस्या इस इलाके में बनी हुई है। यहां स्थित दूध की डेयरी, खाने-पीने और नॉन वाली रेहड़िया पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। दुकानदारों का कहना था कि कचरे की समस्या के कारण उनकी दुकानदारी पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।

कोटस

डंप की समस्या है और इसके लिए उनकी विभिन्न टीमें काम कर रही है। जल्द समस्या का निवारण कर दिया जाएगा।

बलविंदर सिंह, निगम आयुक्त


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