शहीद होता है संत सिपाही, जिसका एक ही धर्म विजय या वीरगति : कुंवर विक्की
भारतीय सेना की 14 पंजाब रेजिमेंट के शहीद नायक गुरचरण सिंह का पहला श्रद्धांजलि समारोह गांव हरचोवाल के गुरुद्वारा साहिब में आयोजित किया गया। यह समारोह शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुआ।
संवाद सहयोगी, बटाला : भारतीय सेना की 14 पंजाब रेजिमेंट के शहीद नायक गुरचरण सिंह का पहला श्रद्धांजलि समारोह गांव हरचोवाल के गुरुद्वारा साहिब में आयोजित किया गया। यह समारोह शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुआ। इसमें शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। उनके अलावा शहीद के पिता रिटा. नायक सलविंदर सिंह, माता पलविंदर कौर, पत्नी रणजीत कौर, बहन जसबीर कौर, बहनोई हरमन सिंह, डीएसपी हरकिशन सिंह, एसडीओ नरेश त्रिपाठी, विधायक बलीिंदर सिंह लाडी के बेटे हरविंदर सिंह हैरी, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार आदि शामिल हुए। उन्होंने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डाले गए। रागी जत्थे द्वारा बैरागमयी कीर्तन कर शहीद को नमन किया गया। मुख्यातिथि कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि शहीद एक सच्चा संत सिपाही होता है। उसका एक ही धर्म होता है, विजय या वीरगति। उसी सैन्य धर्म का पालन करते हुए वो वीर सैनिक बलिदान देकर देशवासियों में देशभक्ति की अलख जगा जाता है। उन्होंने कहा कि जो देश व कौमें अपने शहीदों को भुला देती हैं, उनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है। गुरचरण की शहादत से पहले इस गांव हरचोवाल को कोई नहीं जानता था, मगर इस रणबांकुरे ने अपना बलिदान देकर इस गांव का नाम राष्ट्रपति भवन स्थित शहीदों की गजट में दर्ज करवा इस गांव के गौरव को बढ़ाया है।
'आई मिस यू पापा लिखी टी शर्ट पहन' बेटी व बेटे ने किया नमन
शहीद नायक गुरचरण की ढाई वर्ष की बेटी जपमनजोत व डेढ़ साल के बेटे अगमजोत ने शहीद पिता की तस्वीर छपी टीशर्ट पहन रखी थी। उसपर 'आई मिस यू पापा' लिखा था। बच्चों ने अपने शहीद पापा को जब श्रद्धासुमन अर्पित किए तो समारोह में शामिल हर आंख नम हो उठी। इस दौरान परिषद द्वारा शहीद के परिजनों सहित तीन अन्य शहीद परिवारों को सिरोपे व स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया। यहां कुलविंदर सिंह, हरजशन कौर, फतेहवीर सिंह, कुलविंदर सिंह, जैमल सिंह, हरनाम सिंह, जरनैल सिंह, जगतार सिंह आदि उपस्थित थे।