सीएए के विरोध में वामपंथी पार्टियों का प्रदर्शन, बोले-असल मुद्दों से ध्यान भटका रही सरकार
वीरवार को सीपीआइ सीपीआइ (एमएल) कम्युनिस्ट पार्टी (लिब्रेशन) आरएमपीआइ व निक संग्राम मंच समेत नौ वामपंथी पार्टियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : वीरवार को सीपीआइ, सीपीआइ (एमएल), कम्युनिस्ट पार्टी (लिब्रेशन), आरएमपीआइ व निक संग्राम मंच समेत नौ वामपंथी पार्टियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इन पार्टियों के आधार पर बने फासीवादी हमलों के विरोधी मोर्चे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार की नीतियों को विभाजनकारी बताकर कोसा। इस दौरान नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की गई।
प्रदर्शन के बाद वामपंथी पार्टियों ने राम सिंह दत्त यादगारी हॉल में कन्वेशन की। इसका नेतृत्व कामरेड बलबीर सिंह कत्तोवाल, सतिबीर सिंह सुल्तानी, सुखदेव सिंह भागोकावां, जसवंत बुट्टर व मा. गुरचरण सिंह ने किया। कन्वेशन को संबोधित करते हुए प्रिथीपाल, कुलविदर सिंह, गुरमीत सिंह बख्तपुरा, मा. रघबीर सिंह पकीवां व अशोक भारती ने कहा कि मोदी सरकार के धर्म आधारित नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बनाने के पीछे एनआरसी लाने के मंसूबों से साफ जाहिर हो रहे हैं कि देश की अल्पसंख्यक मुस्लिम भाईचारे को राजनीतिक निशाना बनाने की साजिशें चल रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी-शाह के इस हमले से हिदुओं समेत देश का कोई भी आम वर्ग नहीं बच सकेगा। इस मौके पर संतोख सिंह, तरलोक सिंह, बलबीर सिंह रंधावा, नीलम घुमाण, सुबेग सिंह, रणजीत सिंह, जोगिदर पाल, विजय कुमार सोहल, ठाकुर ध्यान सिंह, नरिदर सिंह, मनजीत राज आदि उपस्थित थे। असल मुद्दों से ध्यान भटका रही सरकार
वामपंथी नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका रही है। आज देश में बेरोजगारी 45 साल के इतिहास को मात दे गई है। महंगाई पिछले साढ़े पांच वर्ष का रिकार्ड तोड़ चुकी है। रुपये की कीमत लगातार गिर रही है। देश में 70 फीसद धन-जायदाद एक फीसद लोगों के पास रह चुका है। देश में बलात्कारों की घटनाएं दिनों दिन बढ़ती जा रही है। शिक्षा व स्वास्थ सेवाओं का निजीकरण हो चुका है। इस कारण लोग परेशान हैं, लेकिन ध्यान भटकाने के लिए सरकार सीएए, एनआरसी का राग अलाप रही है।