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बारिश के कारण भारत-पाक सीमा पर बने करतारपुर कॉरिडोर के किनारे धंसे

बारिश के कारण भारत-पाकिस्तान सीमा पर बने करतारपुर कॉरिडोर के किनारे धंस गए। विरोध में किसानों ने नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया के खिलाफ की नारेबाजी की।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 09:21 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 09:43 AM (IST)
बारिश के कारण भारत-पाक सीमा पर बने करतारपुर कॉरिडोर के किनारे धंसे
बारिश के कारण भारत-पाक सीमा पर बने करतारपुर कॉरिडोर के किनारे धंसे

जेएनएन, डेरा बाबा नानक [गुरदासपुर]। डेरा बाबा नानक में पिछले दिनों से जारी बारिश के कारण करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए करतारपुर कॉरिडोर के किनारे धंस गए हैं। पक्खोके टाहली साहिब का संपर्क मार्ग टूट गया है। इसकेे विरोध में किसानों ने नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया के खिलाफ की नारेबाजी की।

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किसान गुरनाम सिंह व हरप्रीत सिंह ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के मौके पर नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया की तरफ से जल्दबाजी में सीगल कंपनी द्वारा करोड़ों की लागत से बनाए गए करतारपुर कॉरिडोर में लापरवाही बरती गई। इसी का नतीजा है कि शनिवार को बारिश के कारण कॉरिडोर के किनारे धंस गए। इसके अलावा कई अन्य स्थानों पर भी कॉरिडोर के किनारे लगाई इंटरलॉकिंग भी धंस चुकी है।

किसानों ने बताया कि नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा कॉरिडोर के लिए बनाई गई ड्रेन वाटर व पुलियों की सफाई न होने से बारिश के पानी की निकासी नहीं हो रही है। इससे बारिश होने पर कॉरिडोर के किनारों को नुकसान हो रहा है। इस संबंध में जब कॉरिडोर का निर्माण करवा रहे अधिकारी अजीत पाल से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि धंसे किनारों को तुरंत भरा जा रहा है। ड्रेन की सफाई भी जल्द करवाई जाएगी।

बता दें, करतारपुर कॉरिडोर पैसेंजर टर्मिनल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। कॉरिडोर की नींव 26 सितंबर 2018 को गुरदासपुर में रखी गई थी। ठीक इसके दो दिन बाद 28 नवंबर को पाकिस्तान ने सीमा के दूसरी तरफ नींव का पत्थर रखा था। करतारपुर साहिब का इतिहास करीब 500 साल से भी पुराना है। मान्यता है कि 1522 में सिखों के गुरु नानक देव ने इसकी स्थापना की थी। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम वर्ष यहीं बिताए थे। करतारपुर गुरूद्वारा पाकिस्तान के नारोवाल जिले में रावी नदी के पास है। वहीं लाहौर से इसकी दूरी 120 किलोमीटर है। भारतीय सीमा से यह किलोमीटर दूर है।

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