शहीदों के घर के आंगन की मिट्टी से पुलवामा में बनेगा भारत का नक्शा
महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी उमेश गोपीनाथ जाधव पुलवामा में शहीदों का स्मारक बनाने के लिए उनके आंगन की मिट्टी इकट्ठी करने के मिशन पर निकले हैं।
गुरदासपुर [सुनील थानेवालिया]। राष्ट्र के लिए प्राणों की आहुति देने वाले देश के वीर सैनिकों की अमूल्य शहादत को बेशक सरकारें व प्रशासन भुला दें, मगर कुछ ऐसे लोग भी हैं जो शहीदों के बलिदान की गरिमा को बहाल रखने को अपना मिशन बना रहे हैं। महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी उमेश गोपीनाथ जाधव पुलवामा में शहीदों का स्मारक बनाने के लिए उनके आंगन की मिट्टी इकट्ठी करने के मिशन पर निकले हैं।
उमेश जाधव पुलवामा हमले में शहीद हुए कांस्टेबल मनिंदर सिंह के घर दीनानगर भी पहुंचे। यहां शहीद मनिंदर के पिता सतपाल अत्री, बहन लवली, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, शहीद सिपाही जितेन्द्र कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही कुलदीप कुमार के पिता बंत राम ने उमेश को गौरव सम्मान से सम्मानित किया। शहीद मनिंदर के पिता सतपाल अत्री ने उमेश को घर के आंगन की मिट्टी का कलश भेंट किया तो भावुक हो उठे।
पुलवामा हमले में शहीद हुए गुरदासपुर के मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री (ट्रैक सूट में) उमेश जाधव (बाएं) को अपने घर की मिट्टी का कलश भेंट करते हुए।
उमेश जाधव पिछले 16 वर्षों से बेंगलुरू में रह रहे हैं। इनका लुक विंग कमांडर अभिनंदन से मिलता जुलता है। इसी वर्ष 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 20 जवानों की शहादत ने उमेश के अंदर देशभक्ति की ऐसी अलख जगाई कि उन्होंने संकल्प लिया किया कि वह इस हमले में शहीद हुए 40 जवानों के अलावा देश के अन्य शहीदों के घर जाएंगे और उनके आंगन तथा उनके संस्कार स्थल की मिट्टी इकट्ठी कर 14 फरवरी 2020 को पुलवामा हमले की पहली बरसी पर पुलवामा में ही भारत के नक्शा जैसी स्मारक का निर्माण करवाएंगे। यहां शहीदों के घर के आंगन की मिट्टी के कलशों को भी सुशोभित किया जाएगा ताकि स्मारक पर आने वाला हर शख्स इस मिट्टी से तिलक कर सके।
16 राज्यों में किया 47 हजार किमी का सफर
शहीदों को सम्मान दिलाने के मिशन पर निकले उमेश को 9 अप्रैल को सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर बेंगलुरु के डीआइजी सानंद कमल ने पुलवामा हमले के 40 शहीदों के घर का पत्र सौंप उन्हें शहीदों के घरों के लिए रवाना किया था। उमेश ने बताया कि वह अभी तक कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, पुडुचेरी, महाराष्ट, मध्यप्रदेश, गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर सहित 16 राज्यों में 47 हजार किमी की यात्रा करके पंजाब पहुंचे हैं।
पुलवामा की बरसी पर शुरू करवाएंगे स्मारक का निर्माण
उमेश ने बताया कि अब तक वह पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों के अलावा दर्जनों अन्य शहीदों के परिवार के लोगों से मिल चुके हैं। उनके इस अभियान की समाप्ति अगले वर्ष 9 अप्रैल को होगी। मगर 14 फरवरी को पुलवामा हमले की पहली बरसी पर वह वहां पहुंच कर भारत के नक्शे जैसा स्मारक का निर्माण शुरू करवाएंगे। इसके लिए वह देश भर से कई संस्थाएं उनका सहयोग कर रहे हैं।
जिस शहीद के घर गाड़ी नहीं पहुंच पाती वहां साइकिल से जाते हैं उमेश
उमेश ने बताया कि इस मिशन पर वह अकेले निकले हैं तथा शहीदों के घरों के आंगन से मिट्टी इकट्ठी करने अपने एसंट गाड़ी के पीछे मारुति 800 को मॉडीफाई कर उसको रथ का रूप दिया है। इसमें शहीदों के घर के आंगन की मिट्टी के कलश रखे हुए हैं। इस पर उन्होंने स्कूटी व साइकिल भी रखा हुआ है। जिस शहीद के घर पर गाड़ी नहीं पहुंच पाती और वहां स्कूटी व साइकिल से जाते हैं। रात को वह मंदिरों, गुरुद्वारों व धर्मशालाओं में रुकते हैं। उमेश शनिवार को जब शहीद मनिंदर सिंह के घर परिजनों से मुलाकात कर रहे थे तो उसी समय उन्हें अभिनेता अक्षय कुमार का फोन आया। अक्षय ने उमेश को उनके मिशन के लिए शुभकामनाएं दी।
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