Kartarpur Corridor: भारत-पाक अधिकारियों की बैठक, इन पांच बड़े प्रस्तावों पर फंसा है पेंच
गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक में करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत-पाक सीमा पर दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक शुरू हो गई है।
जेएनएन, गुरदासपुर। गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक में करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत-पाक सीमा पर दोनों देशों के अधिकारियों की आज बैठक हुई। लगभग साढ़े चार घंटे चली बैठक का नतीजा क्या रहा अभी इस बारे में अधिकारियों ने कुछ बताया। बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान की तरफ से 12 लोगों की टीम आई थी, जबकि भारत की तरफ से बैठक में डेढ दर्जन अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान कॉरिडोर के मुख्य दरवाजे की निशानदेही भी की गई।
बता दें, पिछली बैठक में पाकिस्तान ने भारत के कई प्रस्तावों पर अड़ंगा लगा दिया था। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच पिछली बैठकों में कई अहम मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई थी। पाकिस्तान न केवल श्रद्धालुओं की संख्या सिर्फ 500 रखना चाहता है बल्कि उसने इसे मजहबी रंग भी दे दिया है।
पाकिस्तान का कहना है कि केवल सभी भारतीय नहीं बल्कि केवल सिख ही श्री करतारपुर साहिब के दर्शन कर पाएंगे। पड़ोसी मुल्क ने विशेष वीजा और वीजा फीस का पैंतरा भी फेंका है। आइए जानते हैं उपरोक्त सहित किन पांच मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारी आज की बैठक में माथापच्ची करेंगे।
- भारत चाहता है कि प्रतिदिन 5000 यात्री श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करें। उत्सव के दिनों जैसे बैसाखी, गुरुपूर्णिमा पर यात्रियों की संख्या 15000 तक रहे। पाकिस्तान ने प्रतिदिन सिर्फ 500 श्रद्धलुओं को दर्शन करने की अनुमति देने की बात कही है।
- भारत की मांग है कि सभी भारतीय नागरिक और ह्रष्टढ्ढ कार्डधारक दर्शन करने जाएं पर पाकिस्तान ने कहा कि केवल सिख ही ऐसा कर सकते हैं।
- भारत ने पाकिस्तान से कहा कि एक परिवार या फिर एक ग्रुप चाहे जितनी संख्या का हो उसको करतारपुर के दर्शन करने की अनुमति दी जाए। पाकिस्तान केवल 15 श्रद्धालुओं के समूह को ही अनुमति देने पर अड़ा है।
- भारत कहता है कि कोई व्यक्ति चाहे गाड़ी से जाए या फिर पैदल। यह उसकी इच्छा के अनुसार होना चाहिए। इस पर पाकिस्तान का कहना है कि बॉर्डर के पार पैदल जाने की अनुमति नहीं होगी। श्रद्धालु सिर्फ गाड़ी से ही जा सकता है।
- श्री करतारपुर साहिब को महाराजा रणजीत सिंह और कुछ श्रद्धालुओं ने मिलकर 100 एकड़ जमीन दान दी थी। पाकिस्तान इस भूमि का इस्तेमाल अपने लिए कर रहा है। भारत का कहना है कि 100 एकड़ जमीन करतारपुर साहिब ट्रस्ट में रखा जाए। पाकिस्तान ने इसे भी नकार दिया है।
शिलान्यास के 112 दिन बाद निर्माण कार्य शुरू
बता दें, दोनों देशों के बीच कॉरिडोर को लेकर सहमति बन गई थी, लेकिन कुछ मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई। इस बीच, भारत की तऱफ गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के सीधे दर्शनों के लिए कॉरिडोर का निर्माण कार्य के शिलान्यास के 112 दिन बाद गत दिवस डेरा बाबा नानक के गांव पखोके टाहली साहिब से काम शुरू हो गया। पुलिस ने सुरक्षा कारणों से लोगों को कॉरिडोर से 500 मीटर पहले ही बेरिकेट्स लगा दिए हैं।
कॉरिडोर से पहले ही पुलिस ने लोगों को रोक दिया।
करतारपुर साहिब: कब क्या हुआ
- 1522 : श्री गुरु नानक देव जी ने गुरुद्वारे की स्थापना की और एक किसान की तरह जिंदगी बिताने का निर्णय किया।
- 1539: श्री गुरु नानक देव जी ने देह का त्याग कर गुरु अंगद देव को उत्तराधिकारी बनाया।
- 1947: विभाजन के दौरान गुरदासपुर जिला भी दो हिस्सों में बंट गया और गरुद्वारा करतारपुर साहिब पाकिस्तान चला गया।
- 1971: पाकिस्तान के नारोवाल और भारत के गुरदासपुर को जोडऩे वाला रावी नदी पर बना पुल भारत-पाक युद्ध में तबाह हो गया।
- 1995: पाकिस्तान सरकार ने गुरुद्वारे की मरम्मत करवाई।
- 2000: पाकिस्तान ने करतारपुर के वीजा फ्री यात्रा की घोषणा की।
- 2001: पाकिस्तान ने विभाजन के बाद पहली बार भारतीय जत्थे को करतारपुर साहिब जाने की अनुमति दी।
- 2002: अप्रैल में जत्थेदार कुलदीप सिंह वडाला और करतारपुर रावी दर्शन अभिलाषी संस्था ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पत्र लिख कर पाकिस्तान के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की मांग की।
- 2004: पाकिस्तान सरकार ने गुरुद्वारे का पूरी तरह कायाकल्प किया।
- 2008: तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने डेरा बाबा नानक का दौरा किया और फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने की बात कही।
- 2008: एसजीपीसी ने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा को पत्र लिख कॉरिडोर के निर्माण की मांग की।
- 2018: 17 अगस्त को सिद्धू पाकिस्तान के नए पीएम इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए और पाक सेना प्रमुख को जफ्फी डाली। विवाद पर सिद्धू ने बताया कि पाक सेना प्रमुख ने उन्हें करतारपुर मार्ग खोलने का भरोसा दिया है।
- 2018: 22 अगस्त को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिख यह मामला पाकिस्तान से उठाने को कहा।
- 2018: 7 सितंबर को पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कॉरिडोर खोलने का एेलान किया। बाद में पाकिस्तान ने इसको नकारा।
- 2018: 9 नवंबर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर यह मामला पाकिस्तान से उठाने की मांग की।
- 22 दिसंबर 2018: केंद्रीय कैबिनेट ने गुरु नानक देवजी के 550वें प्रकाशोत्सव वर्ष पर डेरा बाबा नानक से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर कॉरिडोर बनाने का फैसला लिया।
- 9 मार्च 2019ः कॉरिडोर के मुद्दे पर अटारी में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बैठक।