पराली का धुआं कोरोना मरीजों के लिए होगा खतरनाक
जिला प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कोविड संकट में पराली को बिना जलाए इसका प्रबंधन करें।
संवाद सहयोगी, बटाला : जिला प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कोविड संकट में पराली को बिना जलाए इसका प्रबंधन करें। किसानों से अपील करते हुए एसडीएम बलविदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार पराली प्रबंधन के लिए कृषि उपकरणों पर सब्सिडी प्रदान कर रही है और किसानों को इसका लाभ उठाना चाहिए।
उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे धान की पराली के प्रबंधन के बारे में किसानों को पूर्ण तकनीकी ज्ञान प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करें। एसडीएम ने कहा कि इस बार कोविड-19 के फैलने के कारण हमें और अधिक जिम्मेदारी से कार्य करने की आवश्यकता है। कोविड एक श्वसन रोग भी है, जिसका सीधा प्रभाव फेफड़ों पर पड़ता है। यदि पराली जलने के कारण धुआं होता है तो यह इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है। एसडीएम बलविदर सिंह ने कहा कि पराली जलाने से हम अपनी जमीन का मूल्यवान भोजन भी जलाते हैं और इससे हमारे मित्र कीट भी मर जाते हैं। यह हमारे पर्यावरण को भी प्रभावित करता है।