लंबे समय बाद भी कादियां में नहीं बना बस अड्डा
आजादी के 72 वर्ष बाद भी कादियां शहर विकास के रूप में काफी पिछड़ा हुआ नजर आता है।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : आजादी के 72 वर्ष बाद भी कादियां शहर विकास के रूप में काफी पिछड़ा हुआ नजर आता है। लंबे अरसे के बाद भी कस्बे को एक अच्छा बस अड्डा भी नहीं मिल पाया है। इसके चलते विभिन्न चुनावों के दौरान बस अड्डे के निर्माण का मुद्दा 2022 के चुनाव में भी सामने आ रहा है।
गौरतलब है कि कादियां बस स्टैंड की पहचान बटाला रोड पर लगे एक पीपल के पेड़ से की जाती रही है। इसके निकट कुछ बसें आकर खड़ी हो जाती हैं। यहां से कुछ बसें धारीवाल और बटाला के लिए जाती हैं। इसी स्थान पर प्राइवेट टेक्सियों, पीटर रेहड़े व रिक्शे भी खड़े रहते हैं। यहां बस स्टैंड नाम की कोई चीज नहीं है, ना इमारत, ना कोई साइन बोर्ड, पीने का पानी, यात्रियों के लिए कोई शेड और न ही कोई समय सारणी है। जहां बसें आकर खड़ी होती हैं वेह स्थान महज एक कनाल है। एक बात अनहोनी सी लगती है कि एक कोने में एक छोटे सा कमरा है, जहां बस मालिक अड्डा फीस जमा करते हैं। कड़कती धूप और आसमान के नीचे लोग यहां खड़े होने पर मजबूर हैं जब कोई बस आती है तो इधर उधर से यात्री आकर जमा हो जाते हैं।
यहां से कोई बस गुरदासपुर को नहीं जाती बल्कि ठीकरीवाल रोड पर कुछ बसें गुरदासपुर जाने के लिए सड़क पर ही खड़ी देखने को मिलती हैं। इसी प्रकार कुछ बसें हरचोवाल रोड पर आकर खड़ी होती हैं, जिनका टैक्स नगर कौंसिल को नहीं जाता। बरसात के दिनों में पानी का निकास न होने से यहां पानी जमा हो जाता है। कीचड़ में यात्रियों के कपड़े खराब होते हैं। किसी भी राजनेता ने कादियां बस स्टैंड को बनाने बारे कभी संजीदगी से नहीं सोचा केवल बयान बाजी कर इसे चुनावी मुदा बना कर लोगों को लुभाया जाता है।
कादियां बस स्टैंड की इमारत बनाने के लिए हलका विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा ने चुनावी वादा किया था और 15 अगस्त 2017 को तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने आजादी दिवस समारोह के दौरान कादियां में बस स्टैंड की इमारत बनाने की घोषणा की थी, मगर आज इस घोषणा पूरी नहीं हुई। इस बार भी बनेगा मुद्दा
2022 के चुनावों की बात की जाए तो कादियां में बस अढ्डे का निर्माण ही मुख्य चुनावी मुद्दा नजर आ रहा है। इसे विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा इस्तेमाल करते हुए लोगों से वोट हासिल करने का प्रयास किया जाएगा। अब यह कस्बे के लोगों को देखने होगा कि उन्हें इस मुद्दे को पूरा करवाने के लिए आखिर किस पर विश्वास करना है।