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अवैध रिफलिंग का कारोबार जोरों पर, राजस्व को पहुंच रही भारी क्षति

गुरदासपुर में अवैध रिफलिंग का कारोबार जोरों पर है। प्रशासन पुलिस और खाद्य आपूर्ति विभाग की नाक के नीचे घरेलू गैस सिलेंडरों से छोटे गैस सिलेंडरों में गैस भरने काम जारी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 11:01 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 11:01 PM (IST)
अवैध रिफलिंग का कारोबार जोरों पर, राजस्व को पहुंच रही भारी क्षति
अवैध रिफलिंग का कारोबार जोरों पर, राजस्व को पहुंच रही भारी क्षति

रवि कुमार, गुरदासपुर : गुरदासपुर में अवैध रिफलिंग का कारोबार जोरों पर है। प्रशासन, पुलिस और खाद्य आपूर्ति विभाग की नाक के नीचे घरेलू गैस सिलेंडरों से छोटे गैस सिलेंडरों में गैस भरने काम जारी है। इतना ही नहीं घरेलू गैस सिलेंडर का धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग में किया जा रहा है जो कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। इससे राजस्व को भी भारी क्षति हो रही है, लेकिन अधिकारियों की ओर से इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में अधिकतर होटल, मिठाई व चाय की दुकानों में घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल हो रहा है। दूसरी ओर नियम यह है कि इस तरह के प्रतिष्ठानों पर घरेलू गैस की जगह कमर्शियल सिलेंडरों का प्रयोग किया जाता है। पिछले कई सालों से घरेलू गैस सिलेंडर का व्यावसायिक कामों में धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। इन सिलेंडरों पर सब्सिडी जारी होने के बावजूद इनके व्यावसायिक उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लग पाया है। कई होटल संचालकों ने व्यावसायिक गैस के कनेक्शन ले रखे हैं। वहां उनकी खपत हर महीने चार से पांच सिलेंडर की है। मगर वे व्यावसायिक सिलेंडर की बजाय घरेलू सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि कुछ होटल और चाय की दुकान चलाने वालों ने व्यावसायिक सिलेंडर के कनेक्शन लिए हुए हैं। मगर वे भी बड़े सिलेंडरों की बजाय घरेलू गैस सिलेंडरों का प्रयोग कर रहे हैं। कुछ छोटे दुकानदार भी उपयोग के वक्त सिलेंडरों को छुपाकर रखते हैं, ताकि कोई देख सके।

मुनाफे के चक्कर मे चल रहा अवैध कारोबार

अवैध रिफलिंग का धंधा गैस चूल्हे व स्पेयर पार्ट बेचने वाली हर दुकान पर होता है। ऐसे दुकानदारों को गैस एजेंसी से 14.2 किलोग्राम का एक गैस सिलेंडर प्राप्त होता है। जबकि हैंडीगैस में प्रति किलोग्राम गैस भरने के 130-160 रुपये वसूले जा रहे हैं। इससे रिफलिग वालों को 1250-1650 रुपये तक मुनाफा होता है। इसको रोकने के लिए सरकार पांच किलोग्राम वजन वाले सिलेंडर की व्यवस्था की जो आसानी से सभी गैस एजेंसी में उपलब्ध है। इसके बावजूद लोग कनेक्शन लेने की बजाय बाजार से हैंडीगैस खरीद लेते हैं। बाजार में दो किलोग्राम का खाली हैंडी गैस सिलेंडर 500 से 550 और पांच किलोग्राम का 650 से 700 रुपये में मिलता है। इसमें गैस भरवाने के लिए 250 से 400 रुपये लिए जाते हैं। इनमें क्षमता से 35-40 फीसदी कम गैस भरी जाती है। गैस भरवाने वाले ग्राहक को यह पता नहीं होता कि गैस कितनी भरी गई है। जबकि गैस एजेंसी में पांच किलोग्राम का गैस सिलेंडर निर्धारित रुपये की धरोहर राशि देकर प्राप्त हो सकता है। इसके पीछे जागरूक करने के लिए प्रशासन या खाद्य आपूर्ति विभाग ने कोई अभियान नहीं चलाया। एजेंसियों ने अपने स्तर पर प्रयास किया लेकिन यह कारगर नहीं हुआ। आसानी से मिल जाते हैं सिलेंडर

खासकर छोटे दुकानदारों को अवैध रिफलिंग के जरिए आसानी से मन मुताबिक गैस मिल जाती है। इसीका नतीजा यह है कि दुकानों पर घरेलू गैस सिलेंडर देखे जा सकते हैं। शहर में ऐसे कई होटल हैं, जिनमें अवैध रूप से घरेलू सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है। यदि किसी होटल में सिलेंडर फटता है तो बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इतना ही नहीं पोर्टेबल जेनसेट व कई वाहनों में अवैध गैस से चल रहे हैं। जिस पर खाद्य विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है। लिहाजा अवैध रूप से बड़े सिलेंडर से छोटे सिलेंडर में गैस रिफलिंग की जाती है और इन लोगों के हौसले बुलंद हैं। जल्द होगी कार्रवाई : डीसी

डीसी मोहम्मद इशफाक का कहना है कि मामला उनके ध्यान में है। वह संबंधित विभाग के अधिकारियों को सख्ती से इस मामले पर कार्रवाई करने के निर्देश देंगे। जल्द ही ऐसे लोगों पर नकेल कसी जाएगी।


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