सरकार की नीतियों से आशा वर्कर और फेसलीटेटर्ज निराश
संवाद सहोयगी, गुरदासपुर : सेहत विभाग की रीढ़ के तौर पर पहचान बनाने वाली आशा वर्कर्स अ
संवाद सहोयगी, गुरदासपुर :
सेहत विभाग की रीढ़ के तौर पर पहचान बनाने वाली आशा वर्कर्स और फेसलीटेटर्ज केंद्र तथा पंजाब सरकार की नीतियों से निराश हैं। स्थायी रोजगार मिलने की उम्मीद में बैठी आशा वर्कर्स को प्रधानमंत्री द्वारा मानभत्ता दोगुना करने की घोषणा को सियासी जुमला करार दिया। संगठन के प्रांतीय महासचिव परमजीत कौर मान ने बताया कि सातवें पे मिशन अनुसार केंद्र सरकार की ओर से कम से कम दिहाड़ी कानून अनुसार कम से कम मासिक वेतन 24 हजार रुपये प्रति महीना तय हुआ है। जबकि आशा फेसलीटेटर्ज को एक हजार रुपये मानभत्ता 2011 के प्रति महीना दिया जाता है। आशा वर्कर्स से 42 तरह के सेहत संबंधी काम लेने के बावजूद भी कोई मासिक मानभत्ता नहीं दिया जाता है। केंद्र सरकार द्वारा आंगनबाड़ी वर्कर्स के वेतन में 1500, 750 रुपये बढ़ोत्तरी कर बड़ी उन्नतियां और महिलाओं के हितैषी होने के दावे किए जा रहे हैं, जबकि जमीनी हकीकत से कोसों दूर है।